बृहस्पति के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ ही बदलने वाली है राशियों की स्थिति. गुरु के राशि परिवर्तन के साथ ही कई राशियों पर रहेगा इसका प्रभाव. गुरु का मिथुन राशि समेत सभी राशियों के जातक पाएंगे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में देख पाएंगे असर.
Read More..
वैदिक ज्योतिष में जन्म नक्षत्र उस नक्षत्र को कहते हैं जिसमें चंद्रमा जन्म के समय स्थित होता है. सत्ताईस नक्षत्र इस प्रकार हैं : अश्विनी नक्षत्र , भरणी नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु
Read More..
ज्योतिष की विद्याओं में कई तरीके से कुंडली का अध्ययन किया जाता है. इसी में से एक तरीका भाव चलित कुंडली की जांच से भी देखा जाता है. ज्योतिष में कुंडली का विश्लेषण करते समय यदि चलित कुंडली से कुंडली में सभी ग्रहों के भावों पर विचार न किया
Read More..
ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली के सभी 12 भावों का जीवन पर खास प्रभाव होता है. इसी में से कुछ भाव त्रिषडाय कहलाते हैं जो कष्टदायक माने गए हैं. कुंडली का तीसरा भाव, छठा भाव और ग्यारहवां भाव त्रिषडाय/त्रिषढ़ाय कहलाता है. कुंडली में बारह भावों को
Read More..
सूर्य और शनि से बनने वाला षडाष्टक योग परेशानी और मुश्किल स्थिति का समय बताता है. सूर्य और शनि से बनने वाले 6/8 एक्सिस को ही षडाष्टक योग कहा जाता है. ज्योतिष अनुसार कुछ योग नकारात्मक रुप से असर दिखाते हैं जिसमें से एक योग है षडाष्टक योग यह
Read More..
शनि का गोचर मीन राशि में होना तुला राशि वालों के लिए रहेगा बेहद खास. तुला राशि के लिए शनि योगकारक ग्रह होते हैं. जब शनि मीन राशि में होते हैं तो तुला राशि वालों के छठे भाव को प्रभावित करने वाले होते हैं. तुला राशि वालों के लिए शनि चौथे और
Read More..
तुला संक्रांति, जिसे सूर्य के तुला राशि में प्रवेश का समय कहा जाता है. तुला सूर्य संक्रमण का वो खास समय होता है जब सूर्य दक्षिणायन की गति में आरंभ होता है. इस दिन को संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन
Read More..
ज्योतिष अनुसार लग्न कुंडली के साथ गर्ग कुंडलियों का महत्व प्रत्येक भाव को गहराई से समझने में मदद करता है. हर एक वर्ग कुंडली व्यक्ति के जीवन के किसी न किसी पक्ष को प्रभावितकरने वाली होती है. ज्योतिष में D6 चार्ट भी एक विशेष वर्ग कुंडली है.
Read More..
ज्योतिष में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह शनि जब राशि बदलाव करता है तो वे बहुत ही विशेष समय माना जाता है. इसके गोचर का सभी राशियों पर स्थायी प्रभाव डालते हुए देखा जा सकता है. मीन राशि में शनि के महागोचर का समय अब कई बदलाव लाएगा और कन्या
Read More..
ज्योतिष के अनुसार, चिकित्सा ज्योतिष एक ऐसा माध्यम है जिसमें कुंडली में ग्रहों और भावों के माध्यम से स्वास्थ्य और दीर्घायु के योगों को समझा जाता है क्योंकि नौ ग्रहों और बारह भावों में से प्रत्येक का संबंध किसी न किसी बीमारी से होता है.
Read More..
ज्योतिष शास्त्र में कुछ नक्षत्रों को त्रिपाद नक्षत्र के रुप में जाना जाता है. इन नक्षत्रों का प्रभाव जीवन में कई तरह के उता्र-चढ़ाव देने वाला भी होता है.त्रिपाद नक्षत्र को दोष के रुप में भी जाना जाता है. इसमें चंद्रमा का प्रभाव आने पर इसकी
Read More..
सिंह राशि वालों के लिए शनि का गोचर कई बातों में विशेष होता है. सूर्य और शनि का संबंध अनुकूलता की कमी के चलते गोचर में भी ऎसी स्थिति को दिखाता है. मीन राशि में शनि का होना यानि आठवें भाव पर शनि का विराजमान हो जाना क्योंकि सिंह राशि के लिए
Read More..
ज्योतिष शास्त्र अनुसार विवाह ज्योतिष में कुछ ऎसे सूत्रों के बारे में बताया गया है जिन्हें अपनाकर वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाओं से बचा जा सकता है. शादी विवाह में शुभता को पाने के लिए जरुरी है की मुहूर्त विचार भी सही तरह से किया जाए. इस
Read More..
होरा का प्रभाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है. ज्योतिष में होरा का प्रभाव जीवन को कई तरह से प्रभावित करता है. ऐसे में होरा आर्थिक जीवन, विवाह, सुख या मुहूर्त आदि को प्रभावित करती है. मुहूर्त शास्त्र में होरा की भूमिका बहुत खास होती है. अब
Read More..
मिथुन लग्न वालों के लिए नौ ग्रह अपनी दशा और अपना प्रभाव दिखाते हैं। मिथुन लग्न के लोगों को शुक्र, बुध और चंद्रमा की दशा में अच्छे और अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन मंगल और बृहस्पति की दशाएं बहुत सहायक नहीं होती हैं। इसी तरह शनि और सूर्य
Read More..
सूर्य और शनि से बबने वाले योगों का असर कष्ट और परेशानी को अधिक देने वाला होता है. जब भी इन दो विरोधी ग्रहों का योग किसी भी तरह से हो रहा हो तब तब परिस्थितियां बेहद पेचीदा दिखाई देने लगती हैं. अब इसी में एक योग है सूर्य शनि समसप्तक योग.
Read More..
ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं में सिग्नेचर ज्योतिष जिसे हस्ताक्षर ज्योतिष के नाम से भी जाना जाता है, आपके जीवन पर असर दालता है. आपके व्यक्तित्व को समझने में मदद करता है. हस्ताक्षर ज्योतिष काफी गहन विश्लेषण पर आधारित है. हस्ताक्षर हमारी राशि
Read More..
हम सभी ने प्रसिद्ध मांगलिक दोष के बारे में सुना है. ज्योतिष भविष्यवाणियों में जब भी मंगल दोष की बात आती है तो इसको सुनकर एक तरह का डर भी देखने को अधिक मिलता है. लोग मंगल दोष से सबसे अधिक डरते हैं. लेकिन क्या सच में यह इतने डरने की बात है?
Read More..
आर्थिक संकट जब कर्ज के रुप में आता है तो बहुत बड़ी समस्या होता है. जीवन में होने वाले घाटे और कर्ज के लिए कुंडली के कुछ भाव और ग्रह विशेष रुप से जिम्मेदार होते हैं. कर्ज की स्थिति किसी भी रुप में बन सकती है. तंगी के पीछे कोई भी कारण हो
Read More..
सूर्य का नवंबर माह मध्य में वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है. सूर्य तुला राशि से निकल कर नवंबर मध्य में वृश्चिक राशि में चले जाते हैं. सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में ग्रह प्रवेश करता है तो इसके काफी प्रभाव उस दौरान देखने को मिलते हैं.