Articles in Category Mantra
मघा नक्षत्र श्राद्ध 2025 , पितरों को दिलाता है मुक्ति का मार्ग
ज्योतिष शास्त्र में मघा नक्षत्र दसवां नक्षत्र होता है. मघा नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता पितर होते हैं. मघा नक्षत्र के स्वामी केतु को माना गया है. इसलिए इस नक्षत्र का होना श्राद्ध समय के दौरान अत्यंत ही
जीवित्पुत्रिका व्रत 2025, संतान की दीर्घायु और सुख की कामना को करता है पूरा
संतान की लम्बी ऊम्र और उसके सुख की कामना के लिए किया जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत. जीवित्पुत्रिका व्रत इस वर्ष 14 सितंबर, 2025 को रविवार, के दिन मनाया जाएगा. इस दिन व्रत को माताएं अपने बच्चों के
महालक्ष्मी व्रत 2025 समापन और महालक्ष्मी व्रत उद्यापन, पूजा विधि
महालक्ष्मी व्रत का प्रारम्भ भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होता है और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर इसका समापन होता है. 16 दिनों तक चलने वाले इस व्रत में देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान
आषाढ़ अमावस्या 2025 , विशेष संयोग होने पर रखें इन बातों का ख्याल
आषाढ़ मास को आने वाली अमावस्या तिथि “आषाढ़ अमावस्या” के नाम से जानी जाती है. इस वर्ष 25 जून 2025 को बुधवार के दिन आषाढ़ अमावस्या संपन्न होगी. आषाढ़ मास की अमावस्या के समय स्नान - दान और पितरों के लिए
ज्येष्ठ अमावस्या 2025 - जाने ज्येष्ठ अमावस्या व्रत पूजा विधि और महत्व
ज्येष्ठ माह में आने वाली 30वीं तिथि “ज्येष्ठ अमावस्या” कहलाती है. इस अमावस्या तिथि के दौरान पूजा पाठ और स्नान दान का विशेष आयोजन किया जाता है. हिन्दू पंचांग में अमावस्या तिथि को लेकर कई प्रकार के मत
छिन्नमस्तिका मेला 2025 - दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शक्तिपीठ मेला
देवी की शक्तियों में से एक मां छिन्नमस्तिका का स्वरुप अत्यंत ही प्रभावशाली है. छिन्नमस्तिका को चिन्तपूर्णि माता के नाम से भी जाना जाता है. देवी के सभी रुपों का संबंध विभिन्न शक्ति पीठों से रहा है.
रामानुजाचार्य जयंती 2025
भारत में चली आ रही संत एवं भक्ति परंपरा के मध्य एक नाम रामानुजाचार्य जी का भी आता है. यह दर्शन शास्त्र में अपनी भूमिका को दर्शाते हैं. रामानुजाचार्य जी ने अपनी ज्ञान एवं आध्यात्मिक ऊर्जा द्वारा देश
चंपा द्वादशी (चंपक द्वादशी) 2025
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को चंपक द्वादशी का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष चम्पा द्वादशी 07 जून 2025 को मनाई जाएगी. इस तिथि में भगवन श्री विष्णु का पूजन होता है और भगवान की चंपा के
विवस्वत सप्तमी 2025
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को विवस्वत सप्तमी के रुप में मनाई जाती है. इस वर्ष 2025 में विवस्वत सप्तमी तिथि 02 जुलाई को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व बताया जाता है.
चैत्र अमावस्या 2025
हिन्दू पंचांग अनुसार चैत्र माह की अमावस्या इस वर्ष 29 मार्च 2025 को मनाई जाएगी. चैत्र में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को उपवास एवं पितरों की शांति हेतु पूजा पाठ एवं दान इत्यादि किया जाता है.
जानिये सुजन्म द्वादशी के व्रत की महिमा और पूजन विधि 2025
सुजन्म द्वादशी का उत्सव पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन मनाया जाता है. यह पर्व पुत्रदा एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि पर आरंभ होता है. इस दिन भगवान विष्णु के पूजन का विधान है. एक अन्य
दस महाविद्या साधना मंत्र । Dasha Mahavidya Mantra Sadhana
दशमहाविद्या साधना गुप्त नवरात्रों में मुख्य रुप से की जाती है. मंत्र साधना एवं सिद्धि हेतु दश महाविद्या की उपासना का बहुत महत्व बताया गया है. माता की उपासना विधि में मंत्र जाप का बहुत महत्व होता है.
जानें इस साल कब-कब लगेगा चंद्र ग्रहण
इस वर्ष 14 मार्च 2025 ओर 8 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण की स्थिति बनेगी. चंद्र ग्रहण भारत में दृष्य नहीं होगा. 14 मार्च 2025 चंद्र ग्रहण (भारत में अदृष्य) ग्रहण समय ग्रहण आरंभ (स्पर्श) - 09:04 स्पर्श
अधिक मास उद्यापन विधि | Udyapan Rituals for Adhikmaas
अधिक मास के समय के दौरान बहुत से लोग व्रत, जप, तप और साधना करते हैं भगवान विष्णु के पूजन का ये विशेष समय होता है. इस पूरे अधिक मास को मल मास, प्भुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है इसमें पूजा और तप को ही
ओम का महत्व | Importance of Om
ॐ की सार्थकता को व्यक्त करने से पूर्व इसके अर्थ का बोध होना अत्यंत आवश्यक है. ॐ की ध्वनि संपूर्ण ब्रह्माण्ड में व्याप्त है जो जीवन की शक्ति है जिसके होने से शब्द को शक्ति प्राप्त होती है यही 'ॐ का
दिवाली पूजन मुहूर्त 2025 | Diwali Puja Muhurat 2025 | Diwali Puja Muhurat
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन शुभ समय मुहूर्त्त समय पर ही किया जाना चाहिए. पूजा को सांयकाल अथवा अर्द्धरात्रि को अपने शहर व स्थान के मुहुर्त्त के अनुसार ही करना चाहिए. इस वर्ष 20 अक्टूबर, 2025 के दिन
भैरव साधना | Bhairav Sadhana | Lord Bhairav
श्री भैरव भगवान शिव का एक रुप माना जाता है. पुराणों तथा तंत्र शास्त्र में भैरव जी के अनेक रुपों का वर्णन प्राप्त होता है. इनके प्रमुख रुप इस प्रकार हैं:- असितांग भैरव, चण्ड भैरव, रुरु भैरव, क्रोध
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 2025 | Raksha Bandhan Shubh Muhurat | Raksha Bandhan Muhurat 2025
रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक होकर चारों ओर अपनी छटा को बिखेरता सा प्रतीत होता है. सात्विक एवं पवित्रता का सौंदर्य लिए यह त्यौहार सभी जन के हृदय को अपनी खुश्बू से महकाता है. इतना
लक्ष्मी मंत्र | Lakshmi Mantra | Goddess Lakshmi | Lakshmi Puja
देवी लक्ष्मी जी को धन-सम्पत्ति की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजा जाता है. लक्ष्मी जी जिस पर भी अपनी कृपा दृष्टि डालतीं हैं वह दरिद्र, दुर्बल, कृपण, के रूपों से मुक्त हो जाता है, समस्त देवी शक्तियाँ
शिवाष्टक | Shivashtak - Shivashtakam
भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों के समस्त दुखों को दूर करने वाले समस्त जगत के स्वामी हैं. इन्हीं की कृपा दृष्टि को प्राप्त करके जीव अपने स्वरुप को जान पाता है. प्रभु की भक्ति से भक्त के समस्त