 प्राचीन  धर्म ग्रन्थों में मंत्र जाप के महत्व को बहुत विस्तार पूर्वक बताया गया  है. भारतीय संस्कृति में मंत्र जाप की परंपरा पुरातन काल से ही चली आ रही  है. प्राचीन वेद ग्रंथों में सहस्त्रों मंत्र प्राप्त होते हैं जो उद्देश्य  पूर्ति का उल्लेख करते हैं. मंत्र शक्ति का आधार हमारी आस्था में निहीत  है. मंत्र के जाप द्वारा आत्मा, देह और समस्त वातावरण शुद्ध होता है.यह  छोटे से मंत्र अपने में असीम शकित का संचारण करने वाले होते हैं. इन मंत्र  जापों के द्वारा ही व्यक्ति समस्त कठिनाईयों और परेशानियों से मुक्ति  प्राप्त कर लेने में सक्षम हो पाता है. प्रभु के स्मरण में मंत्र अपना  प्रभाव इस प्रकार करते हैं कि ईश्वर स्वयं हमारे कष्टों को दूर करने के लिए  तत्पर हो जाते हैं.
प्राचीन  धर्म ग्रन्थों में मंत्र जाप के महत्व को बहुत विस्तार पूर्वक बताया गया  है. भारतीय संस्कृति में मंत्र जाप की परंपरा पुरातन काल से ही चली आ रही  है. प्राचीन वेद ग्रंथों में सहस्त्रों मंत्र प्राप्त होते हैं जो उद्देश्य  पूर्ति का उल्लेख करते हैं. मंत्र शक्ति का आधार हमारी आस्था में निहीत  है. मंत्र के जाप द्वारा आत्मा, देह और समस्त वातावरण शुद्ध होता है.यह  छोटे से मंत्र अपने में असीम शकित का संचारण करने वाले होते हैं. इन मंत्र  जापों के द्वारा ही व्यक्ति समस्त कठिनाईयों और परेशानियों से मुक्ति  प्राप्त कर लेने में सक्षम हो पाता है. प्रभु के स्मरण में मंत्र अपना  प्रभाव इस प्रकार करते हैं कि ईश्वर स्वयं हमारे कष्टों को दूर करने के लिए  तत्पर हो जाते हैं.
मंत्र शक्ति प्राण उर्जा को जागृत करने का प्रयास करती है. साधु और योगी जन इन्हीं मंत्रों के उच्चारण द्वारा प्रभु को प्राप्त करने में सक्षम हो पाते हैं. मंत्र गूढ़ अर्थों का स्वरुप होते हैं संतों ने मंत्र शक्ति काअनुभव करते हुए इन्हें रचा जैसे मार्कण्डेय ऋषि जी ने महामृत्युंजय मंत्र को सिद्ध किया और विश्वामित्र जी ने गायत्री मंत्र को रचा इसी प्रकार तुलसीदास जी एवं कालिदास जी ने कई मंत्रों की रचना की. जाप के समय माला के द्वारा जाप करने क अभी विचार है, मंत्रों में असीम शक्ति होती है, मंत्र जाप में प्रयोज्य वस्तुओं का ध्यान अवश्य रखना चाहिए आसन, माला, वस्त्र, स्थान, समय और मंत्र जाप संख्या इत्यादि का पालन करना चाहिए. मंत्र साधना यदि विधिवत की गई हो तो इष्ट देवता की कृपा अवश्य प्राप्त होती है. मंत्र के प्रति पूर्ण आस्था होनी चाहिए,
मंत्रों में शाबर मंत्र, वैदिक मंत्र और तांत्रिक मंत्र आते हैं. मन, वचन अथवा उपाशु जप द्वारा मंत्रों को किया जाता है. स्पष्ट मंत्रों को उच्चारण करते हुए वाचिक जप कहलाता है, धीमी गति में जिसका श्रवण दूसरा नहीं कर पाता वह उपांशु जप कहलाता है और मानस जप जिसमें मंत्र का मन ही मन में चिंतन होता है. मंत्र सिद्धि के लिए आवश्यक है कि मंत्र को गुप्त रखना चाहिए, ग्रहण के समय किया गया जप शीघ्र लाभदायक होता है. ग्रहण काल में जप करने से कई सौ गुना अधिक फल मिलता है।
मंत्र जाप करते समय सावधानियां | Precaution to take while chanting mantras
मंत्र जाप करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है. मंत्र पाठ करते समय मंत्रों का उच्चारण सही तरह से करना आवश्यक होता है तभी हमें इन मंत्रों का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकता है. मंत्रोच्चारण से मन शांत होता है, मंत्र जपने के लिए मन में दृढ विश्वास जरूर होना चाहिए, तभी मंत्रों के प्रभाव से हम परिचित हो सकते हैं. वेदों में देवों के पूजन हेतु मंत्र उपासना को बताया गया है. मंत्र जप द्वारा शक्ति, शांति, लंबी आयु, यश प्राप्त होता है.
मंत्र जाप करने से पूर्व साधक को अपन मन एवं तन की स्वच्छता का पूर्ण ध्यान रखना चाहिए. मन को एकाग्रचित करते हुए प्रभु का स्मरण करन अचाहिए तथा ॐ का उच्चारण करना चाहिए. जाप करने वाले व्यक्ति को आसन पर बैठकर ही जप साधना करनी चाहिए. आसन ऊन का, रेशम का, सूत, कुशा निर्मित या मृगचर्म का इत्यादि का बना हुआ होना चाहिए. आसन का उपयोग इसलिए आवश्यक माना जाता है क्योंकि उस समय जो शक्ति हमारे भीतर संचालित होती है वह आसन ना होने से पृथवी में समाहित होकर हममें उक्त उर्जा से वंचित कर देती है.
साधक मंत्र का जाप श्रद्धा और भक्तिभाव से करे तो पूर्ण लाभ कि प्राप्ति होती है. जप साधना को सिद्धपीठ, नदी पर्वत, पवित्र जंगल, एकांत स्थल, जल में, मंदिर में या घर पर कहीं भी किया जा सकता है. मंत्र जाप करते समय दीपक को प्रज्जवलित करके उसके समक्ष मंत्र जाप करना शुभ फलों को प्रदान करने वाला होता है.
मंत्र साधना का विधान शिव संकल्प, आस्था व शुचिता, दृढ़इच्छाशक्ति, आसन, माला एकाग्रता, जप, हवन एवं धैर्य से ही पूर्ण हो पाता है.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            