कुंभ राशि में वक्री शनि का सभी राशियों पर होगा असर
जून माह को शनि कुंभ राशि में गोचर करते हुए वक्री होंगे. शनि कर्म प्रधान ग्रह है, इनकी दशा और इनका प्रभाव व्यक्ति को कर्म करने की ओर अत्यधिक उन्मुख बना सकता है. 17 जून, 2023, को 22:52 बजे वक्री होते हुए शनि की गति में कुछ समय के लिए स्तंभित स्थिति भी होगी क्योंकि ग्रह की चाल बदलते समय कुछ समय के लिए ग्रह स्थिर होता है उसके पश्चात ग्रह आगे बढ़ता है. इसी प्रकार शनि ग्रह जब सामान्य अवस्था एवं गति से वक्री होने वाले होते हैं तब वह कुछ समय के लिए अपनी गति पर रुके हुए प्रतीत होते हैं. इनकी इस अवस्था को स्तंभित अवस्था कहा जाएगा. कुछ आचार्यों के अनुसर इसे भीत अवस्था भी माना जाता है. इसलिए शनि का इस अवस्था में होना चाल में वक्रता का आगमन जीवन को काफी पहलुओं से प्रभावित करने वाला होगा. आईये जानें कैसा रहेगा शनि का इस वर्ष वक्रत्व को अपनाना.
कुंभ राशि में शनि का वक्री असर
कुंभ राशि शनि के स्वामित्व वाली राशि है और यह राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि है जो लाभ स्थान को भी दर्शाती है. शनि अपनी ही राशि में वक्री होने जा रहा हैं और शनि की मूल त्रिकोण राशि भी यही है ऎसे में इस राशि में शनि का असर काफी अलग होगा शुरुआती समय में जहां शनि यहीं होंगे उल्टी चाल चलते हुए राशि परिवर्तन भी शनि करेंगे तो इस स्थिति में यह समय संभल कर फैसले लेने वाला होगा.
जब कोई ग्रह अपनी राशि में गोचर कर रहा होता है तो संतोषजनक होता है लेकिन वक्री होते ही उसका असंतोष व्याप्त होने लगता है. ऎसे में कुंभ में शनि का वक्री होकर गोचर करना भी बहुत शुभता को नहीं दिखाता है. शनि वक्री होने पर करियर, विवाह, संबंधों, संतान, कर्म क्षेत्र इत्यादि में रुकावटें आ सकती हैं और आलस्य का भाव भी आ सकता है. प्रयासों में लगातर की जाने वाली कोशिशें शामिल होती दिखाई देंगे.
वक्री शनि का सामान्य प्रभाव
कार्यक्षेत्र में बदलाव, व्यवसाय में बदलाव के साथ नई नीतियों का अनुसरण करने का समय होगा.
इस समय के दोरान प्राकृत्तिक स्थिति बदलेगी. खाद्य उत्पादन से जुड़े कार्यों में बढ़ोत्तरी की संभावना दिखाई देगी.
धनार्जन के कार्यों में परिश्रम अधिक रहेगा लेकिन कुछ अचानक से होने वाले लाभ वृद्धि और धन का संचय करवाने में भी सहायक हो सकते हैं.
नई चीजों की खोजु एवं शोध के कामों से जुड़े लोगों को अच्छे मौके मिल सकते हैं.
खदानों एवं धातुओं के काम में लाभ प्राप्ति होगी.
पारंपरिक मामलों में अधिक रुचि विकसित होना संभव हो सकता है.
संबंधों में अनबन दिखाई देगी, रिश्तों में दूरी एक बार पुन: सामने आ सकती है.
राष्ट्रिय एवं अंतराष्ट्रिय मुद्दे गंभीर हो सकते हैं. इस समय जनता के मध्य असंतोष की स्थिति अधिक जटिल हो सकती है.
वक्री शनि का प्रभाव पाया बदलाव भी करेगा ऎसे में राशियों पर इसका असर कई मायनों में बदलाव को दिखाएगा.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            