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Venus Transit in Leo - From 17th July to 11th August- Prediction for different Zodiac (based on Moon Sign)

Venus the planet of beauty, Romance and comfort will now transit in the Zodiac of Sun the most fierce, Passionate and adventurous planet. Venus is transiting in Leo. This transit in Leo will bring in

कुंभ राशि में वक्री गुरु का गोचर बदलेगा इन राशि के लोगों का भाग्य

वर्तमान समय 2021 में गुरु ग्रह का गोचर कुंभ राशि में हो रहा है. कुंभ राशि में गोचर करते हुए गुरु जून माह में इसी राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे ओर यह समय सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सभी

बृहस्पति का कुम्भ राशि गोचर: सभी राशियों पर इसका प्रभाव

बृहस्पति का कुम्भ राशि में प्रवेश 6 अप्रैल 2021 को होगा. वर्तमान समय में बृहस्पति मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. पर 6 अप्रैल 2021 में 00:23 मिनिट पर बृहस्पति का कुम्भ राशि में प्रवेश होगा. इसके साथ ही

वृश्चिक राशि में बनेगा चतुर्ग्रही योग, जानें इसका आप पर असर

चतुर्ग्रही योग से अर्थ होता है कि जब कोई चार ग्रह एक साथ किसी एक राशि में स्थित हों. इस योग के प्रभाव के फलस्वरुप राशि पर उन सभी चार ग्रहों का प्रभाव होने पर विशेष लक्ष्ण उभरते हैं. कुंडली के किसी भी

शुक्र का कन्या राशि गोचर : सभी राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र का गोचर सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में जाना होता है महत्वपूर्ण. कन्या राशि में शुक्र का गोचर होने वाला है. शुक्र ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में धन लाभ देने वाला और सौंदर्य, विलासिता का कारक

कब और किस दिन होंगे बुध अस्त, इन उपायों से को करने से मिलेगी राहत

बुध ग्रह एक बौद्धिक ज्ञान और उचित मार्ग को निर्धारित करने वाला उत्तम स्थान प्राप्त ग्रह है. इस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को चहुंमुखी प्रतिभा से भर देने वाला होता है. बुध ग्रह एक प्र्कार की

कन्या संक्रांति, सूर्य का कन्या राशि में गोचर

सूर्य का कन्या राशि में जाना कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाता है. कन्या संक्रांति में सूर्य का पूजन और राशि का पूजन होता है. इस समय पर सूर्य का बुध के स्वामित्व की राशि कन्या में प्रवेश होता है.

गुरु महाराज का धनु राशि में वक्री से मार्गी होना इन राशियों के लिए लाएगा नए अवसर

गुरु (बृहस्पति) ग्रह का धनु राशि में मार्गी होने का फल गुरु का ग्रह का किसी भी राशि में गोचर का फल बहुत ही प्रभावशाली होता है. गुरु कहीं भी स्थित हों वह अपने प्रभाव से चारों ओर प्रकाश से उस स्थान को

बुध का सिंह राशि गोचर, जानें कैसा होगा बुध राशि परिवर्तन

बुध की स्थिति ग्रहों में एक कोमल और प्रसन्नचित स्वरुप ग्रह की है. बुध की स्थिति व्यक्ति को दिशाज्ञान देने में अत्यंत ही सक्षम ओर सुलभ होती है. बुध का एक राशि से दूसरी राशि में जाना बुध के लिए

शुक्र का सिंह राशि में गोचर जानना होगा जरूरी

वर्तमान में शुक्र का गोचर कर्क राशि में हो रहे हैं, पर जल्द ही शुक्र का प्रवेश सिंह राशि में होगा. शुक्र का सिंह राशि में जाना कुछ न कुछ परिवर्तनों की ओर इशारा करते हुए दिखाई देगा. जिस समय पर शुक्र

मीन राशि में वक्री मंगल का गोचर, तैयार हो जाएं चेंज के लिए

मंगल का गोचर इस बार मेष राशि से पुन: मीन में होगा और ऎसा इस कारण होगा क्योंकि मंगल वक्री होंगे. मंगल की चाल में बदलाव के कारण वह मेष राशि से निकल कर उलटे मीन राशि में प्रवेश करेंगे. 4 अक्टूबर 2020 को

मूल त्रिकोण राशि में मंगल का गोचर, सबसे ताकतवर गोचर

मंगल का गोचर अर्थात “भ्रमण काल”. मंगल जब किसी राशि में होता है घूम रहा हो उस समय को मंगल के गोचर की संज्ञा दी जाती है. राशि में उसकी स्थिति बहुत मजबूर होती है. ऎसे में जब भी मंगल अपनी मूलत्रिकोण राशि

सूर्य का सिंह संक्रांति प्रभाव: जानें इस दिन स्नान दान की महिमा

सिंह संक्रांति का समय अगस्त माह के मध्य समय पर आता है. सिंह संक्रांति सूर्य के सिंह राशि में गोचर करने के समय को कहा जाता है. सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश ही सूर्य संक्रांति होता है. सूर्य संक्रांति

शुक्र का कर्क राशि में गोचर, जाने सभी राशियों के लिए कैसा रहने वाला है?

शुक्र मिथुन राशि से निकल कर कर्क में प्रवेश करने वाले हैं. 20 अगस्त 2025 को शुक्र का कर्क राशि में प्रवेश होगा. इससे पहले शुक्र मिथुन राशि में गोचर कर रहे थे पर अगस्त की शुरुआत के साथ ही शुक्र अपनी

बुध का कर्क राशि में गोचर

बुध अपनी स्वराशि मिथुन को छोड़ कर अब कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन से निकल कर कर्क राशि में जाने पर बुध की स्थिति में बहुत तरह से बदलाव दिखाई देगा. इसका मुख्य करण यह है की बुध अभी तक अपनी ही

वक्री मंगल का मेष राशि में गोचर, इन राशियों को रहना होगा संभल कर

वक्री मंगल का मेष राशि में होने का प्रभाव मंगल का मेष राशि में गोचर कई तरह से व्यक्ति को प्रभावित करता है. मंगल एक ऊर्जा से भरपूर ग्रह है. जब वह अपनी राशि में होता है तो उसकी उर्जा ओर अधिक विकसित

वारुणी योग 2025, दुर्लभ और शुभदायक मुहूर्त होता है वारुणी योग

वारुणी योग एक अत्यंत ही शुभ एवं उत्तम गति प्रदान करने वाला समय होता है. हिन्दू पंचांग का एक अत्यंत ही पावन शुभ समय मुहूर्त भी है. यह उन शुभ मुहूर्तों की ही तरह है जो अबूझ मुहूर्त के महत्व को दर्शाते

केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, जाने सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव

ग्रहों का गोचर प्रत्येक राशि पर अपने अनुरुप शुभाशुभ फल देने में समर्थ होता है. जब भी कोई ग्रह एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में जाता है वह समय किसी न किसी रुप में प्रभवित अवश्य करता है. इस साल के अंत

केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, उच्च का केतु बदलेगा भाग्य

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में केतु का स्थान छाया ग्रह के रुप में है. इसे ग्रह न समझ कर परछाई कहा गया है. इस छाया ग्रह होने के कारण केतु बहुत ही गहरा असर डालने में सक्षम होता है. राहु ओर केतु यह दोनों ही

शुक्र का मिथुन राशि गोचर 2025 में जाना बदल सकता है आपका भाग्य

शुक्र अपनी स्वराशि वृष से निकल कर मिथुन राशि की ओर संचार करेंगे. शुक्र अपनी स्वराशि को त्यागकर बुध की राशि मिथुन में जाएंगे. शुक्र का बुध की राशि में जाना अनुकूल स्थिति की ओर इशारा करता है. शुक्र ओर