विवाह में जन्म कुण्डली की भांती नवांश वर्ग कुण्डली की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. नवांश जिसे D-9 भी कहा जाता है. इसका उपयोग विवाह समय, वैवाहिक जीवन, जीवन साथी के व्यवहार , उसके चरित्र, मानसिक तथा दैहिक स्वरुप को समझने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही साथ नवांश वर्ग कुण्डली मिलान, अलगाव एवं संबंधों की मध्यस्था को जाने के भी उपयोग में आती है.
वैवाहिक जीवन का सुख | Happiness in Married Life
नवांश में नवांश लग्न और राशि चक्र के सप्तमेश स्वामी का बहुत महत्व होता है. विवाह के पश्चात जीवन में सुख एवं शंति कैसी रहेगी इस बात को यहां से समझा जा सकता है. यदि नवांश लग्न उच्च का हो, स्वराशि युक्त हो अथवा शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो वैवाहिक जीवन खुशहाल रह सकता है.
इसमें नवांश के सप्तमेश का भी अध्ययन करना आवश्य होता है जिससे फल की शुभता की मजबूती देखी जा सकती है. यदि यहां सूर्य और चंद्रमा प्रथम एवं सप्तम भाव में अक्षांश रुप में स्थित हों तो दांपत्य जीवन में कलह का भाव रह सकता है. इसी प्रकार यदि शनि द्वादश में स्थित हो तो यह वैवाहिक जीवन के लिए अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती है.
जीवन साथी का स्वरुप | Appearance of Life Partner
नवांश लग्न एवं लग्नेश तथा जिन ग्रहों से युक्त हैं उनका अध्ययन करना अति आवश्यक होता है. यदि यह चंद्रमा से युक्त है तो साथी सुंदर और सौम्य स्वभाव वाला हो सकता है. इसी प्रकार शुक्र से युक्त होने पर कलावान एवं सौंदर्य का प्रेमी हो सकता है. बुध से युक्त होने पर बुद्धिमान एवं जिंदादिल हो सकता है.
इसी प्रकार सूर्य से संबंधित होने पर साथी गुस्से वाला और उग्र स्वभाव का हो सकता है, इसके विपरित यदि गुरू से युक्त है तो धार्मिक स्वभाव तथा शुद्ध विचारों वाला हो सकता है. यहीं शनि, मंगल और राहु केतु के होने पर स्वभाव में शुभता की कमी हो सकती है या क्रोध एवं चालबाजी अधिक हो सकती है.
नवांश से कुण्डली मिलान | Matching Kundalis with Navansh
नवांश के द्वारा कुण्डली मिलान भी किया जाता है. जीवन साथी का लग्न अथवा चंद्र राशि जातक के नवांश के चंद्र और लग्न से मिलती हो. नवांश में चंद्र:- नवांश में चंद्र यदि मेष राशि में स्थित हो हो तो धनी एवं अधिपति हो सकता है, चंद्रमा यदि वृष राशि में हो तो शाररिक रुप से बलिष्ठ होता है, मिथुन राशि में होने पर लेखक, या ज्ञानी हो सकता है, कर्क राशि में होने पर रंग रुप में कमी, सिंह में बलिष्ठ एवं क्रोधी हो सकता है इसी प्रकार सभी राशियां उस पर अपना प्रभाव छोड़ती दिखाई देती हैं .
मेष नवांश होने पर व्यक्ति चंचल, व्याकुल हो सकता है वृष नवांश होने पर खुशहाल तथा विद्याओं से युक्त, मिथुन नवांश में सौम्य, कर्क में यात्राओं का शौकीन, सिंह नवांश में अभिमानी, अकेला रहने वाला, कन्या में स्वतंत्र, सहायक, तुला में दुबल-पतला, सामान्य जीवन, वृश्चिक नवांश में विद्वान एवं दुष्ट कर्म की प्रवृत्ति रखने वाला, धनु नवांश में सद विचारों से युक्त, मकर नवांश में अस्थिर एवं खर्चीला, कुंभ नवांश में चालाक, दयाहीन और मीन नवांश में जल से लाभ कमाने वाला हो सकता है. इस प्रकार हम देखते हैं की नवांश की विवाह में एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो दांपत्य जीवन के सुख एवं दुखों को दर्शाने में सहायक बन सकती है.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            