वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर 13 नवंबर, 2022

वैदिक ज्योतिष के तत्वों के आधार पर वक्री मंगल का वृष राशि 13 नवंबर, 2022 में गोचर. इस गोचर का 12 राशियों के जातकों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. कुछ के लिए यह सकारात्मकता लाएगा, जबकि अन्य को भुगतना पड़ सकता है.

वक्री मंगल 

मंगल का वक्री होना मंगल की शक्ति को कई दिशाओं में बांट देने वाला होता है. वक्री मंगल वह समय है जब व्यक्तित ऊर्जावान महसूस कर हुए भी शारीरिक शक्ति धीमी लगने लगती है. व्यवहार में असंतोष अधिक रह सकता है और चिड़चिड़े भी रह सकते हैं. कुछ समय के लिए अचानक गुस्सा आ सकता अनियंत्रित हो सकते हैं. गोचर का प्रभाव जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति और दशा पर निर्भर करता है. मंगल एक उग्र ग्रह है सभी ज्वलनशील पदार्थों को नियंत्रित करने में सक्षम होता है. यह जीवन शक्ति, शारीरिक शक्ति, समर्पण, कुछ भी करने की प्रेरणा और किसी भी कार्य को पूरा करने की ऊर्जा देता है. मंगल प्रभाव वाले लोग साहसी, आवेगी और आगे होंगे. मंगल भूमि, भाई, अग्नि युक्त कार्यों, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का कारक भी है. और अब वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर व्याकुलता दिखाने वाला होगा. 

वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर समय

मंगल ग्रह 30 अक्टूबर 2022 को 18:19 बजे मिथुन राशि में वक्री हो रहा है और उसके बाद 13 नवंबर 2022 को 13:32 बजे मंगल का वृष राशि में वक्री हो रहा है. यह 13 जनवरी 2023 तक इसी राशि और वक्री चाल में रहेगा.

मेष राशि 

मेष राशि के लिए मंगल का वक्री होना स्वभाव में तेजी को दर्शाता है. वृष राशि में वक्री मंगल गोचर के दौरान दूसरे घर में वक्री गति में गोचर कर रहा है. इस गोचर के कारण परिवार, पूंजी और वाणी पर इसका असर अधिक दिखाई देगा. मंगल का वक्री गति में दूसरे भाव में गोचर करना संचार को खराब कर सकता है, वाणी में कठोरता एवं अपशब्द बढ़ सकते हैं. से अन्य लोग असभ्य मान सकते हैं. इसे लेकर घरवालों से तकरार और लड़ाई भी हो सकती है. अचानक धन खर्च की अधिकता का सामना करना पड़ सकता है. इस समय कुछ नया काम शुरू करना अनुकूल न हो पाए. छात्रों के लिए यह एकाग्रता की कमी को बढ़ा सकता है. 

वृष राशि 

वृष राशि के लिए मंगल  बारहवें और सातवें का स्वामी होता है और इसका गोचर लग्न में वक्री गति से होगा. इस समय पर स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है. धैर्य के साथ काम करें. मंगल एक उग्र ग्रह है जो आपकी त्वचा में रूखापन पैदा कर सकता है. ध्यान और शारीरिक व्यायाम करने से ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद मिलेगी. यदि आपका विदेशी भूमि से कोई व्यावसायिक संबंध है तो यह कुछ समय के लिए अटक सकता है. खर्चों की अधिकता रहेगी और यात्राएं अधिक रह सकती हैं. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए मंगल छठे भाव और एकादश भाव का स्वामी होता है.  बारहवें घर में वक्री गति में मंगल का गोचर काम की अधिकता को लेकिन लाभ की कमी को दर्शाता है. वक्री मंगल का भाई-बहनों के साथ किसी प्रकार के तर्क या लड़ाई को दिखाता है इसलिए इस समय क्रोध से बचें. शांत रह कर चीजों में शामिल होना अच्छा होगा. कुछ छोटी यात्रा की योजना बनाने में पैसा अधिक खर्च कर सकते हैं. इस समय लाभ में अटकाव भी रह सकता है. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर  इच्छा और लाभ की पूर्ति के लिए अनुकूल रह सकता है. काम अचानक होंगे, कड़ी मेहनत के परिणामों का लाभ मिल पाएगा. कार्यक्षेत्र में बदलाव दिखाई देंगे. स्वभाव में कुछ अहंकार भी अधिक रह सकता है. छवि भी कुछ प्रभावित हो सकती है. वृष राशि में वक्री मंगल का गोचर छात्रों के लिए अनुकूल रह सकता है. स्वभाव से थोड़े जिद्दी और लापरवाह हो सकते हैं. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए  वक्री मंगल का असर शक्ति में वृद्धि करने वाला होगा.  वृष राशि में वक्री मंगल के गोचर के कारण, कार्यस्थल पर कठोर और दूसरों पर हावी रह सकते हैं.  लक्ष्य को प्राप्त करने में जल्दबाज और कुछ दिशाहीन भी महसूस कर सकते हैं. कार्यस्थल पर खराब रवैया छवि को नुकसान पहुंचा सकता है. वैवाहिक जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. व्यक्तित्व में ऊर्जा और आक्रामकता की कमी हो सकती है. स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने की जरुरत होगा. 

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर रिश्तों पर असर डाल सकता है. पिता, गुरु और भाग्य पर वक्रता असर अधिक पड़ सकता है. इसके कारण दूसरों के साथ कुछ असहमति का सामना करना पड़ सकता है. पिता और गुरु के बीच संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है. दूसरों की बात सुनने की क्षमता विकसित करें. अचानक से किसी यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है. स्वास्थ्य पर ध्यान बनाए रखने की आवश्यकता होगी. अपने निर्णयों को लेकर संभल कर काम करें. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर इस समय थोड़ी चुनौतीपूर्ण स्थिति रह सकती है. अचानक होने वाली घटनाओं के कारण परेशानी अधिक रह सकती है. वक्री मंगल के गोचर के दौरान अचानक होने वाली बहुत सी घटनाएं मानसिक बेचैनी भी दे सकती हैं. आर्थिक रुप से चीजें परेशानी को बढ़ा सकती हैं. सामाजिक रुप से अधिक व्यस्त भी होंगे. घर में कुछ निर्माण या रहन सहन में बदलाव की स्थिति परेशानी दे सकती है. 

वृश्चिक राशि 

वक्री मंगल का गोचर वृश्चिक राशि के लिए विशेष होगा. मंगल वृश्चिक का स्वामी है और इस कारण वक्रता का प्रभाव इस राशि वालों के काम पर संबंधों पर तथा इनकम पर पड़ेगा. जीवन साथी और व्यावसायिक साझेदारी को लेकर अधिक सोच विचार में रहने वाले हैं. वक्री मंगल की स्थिति रिश्ते में प्रमुख और आक्रामक बना सकती है. वक्री मंगल अनावश्यक अहंकार संघर्ष और तर्क का कारण बन सकती है जिसके कारण आपके साथी के साथ आपके रिश्ते में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं. खान पान में लापरवाही से बचने की सलाह दी जाती है. 

धनु राशि 

धनु राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर खर्चों में वृद्धि का समय होगा. इस समय विरोधी परेशानी दे सकते हैं इसलिए स्वयं को शांत रखना आवश्यक होगा. क्रोध एवं अभिमान में वृद्धि की संभावना के कारण व्यर्थ के तनाव अधिक रहेंगे. मौसम में बदलाव के चलते सेहत पर कुछ असर पड़ सकता है. आवश्यक मसले कुछ समय के लिए अटक सकते हैं. खर्चों की अधिकता बनी रहने वाली है. 

मकर राशि 

वक्री मंगल का गोचर मकर राशि वालों को कई तरह से प्रभावित करने वाला है. इस समय प्रेम संबंध प्रभावित हो सकते हैं. जीवन में अचानक से कुछ नए रिश्तों का आगमन हो सकता है. छात्र इस समय अपनी शिक्षा के अतिरिक्त कुछ अन्य गतिविधियों में शामिल रह सकते हैं. रिसर्च से जुड़े कामों में शामिल हो सकते हैं. भावनात्मक रुप से ये समय सोच समझ कर फैसले लेने का होगा. बड़ों की ओर से अधिक सख्ती भी हो सकती है.शेयर मार्किट इत्यादि में निवेश से मिलने वाला लाभ साधारण ही रहेगा अधिक खर्च से बचना ही उचित होगा. 

कुंभ राशि

कुम्भ राशि के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव का स्वामी होता है. वक्री मंगल का असर इस समय परिवार, और घरेलू सुख पर अधिक रहने वाला है. इस दौरान आपको अपने घर और वाहन की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.  माता के स्वभाव एवं सेहत पर बदलाव देखने को मिल सकता है. व्यर्थ की बहस से बचना ही सही होगा. काम के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे. घर में कोई निर्माण कार्य या बदलाव भी हो सकता है. 

मीन राशि

वक्री मंगल का गोचर मीन राशि के साहस ओर परिश्रम को बढ़ाने वाला हो सकता है. इस समय भाई बहनों की ओर अधिक ध्यान रहने वाला है. इस दौरान कुछ चीजों को सीखने का शौक उपन्न हो सकता है.धन खर्च का समय भी है इसलिए सोच समझ कर निवेश करें. बोलचाल में कठोरता बढ़ सकती है. नए लोगों के साथ मुलाकात का समय भी बन रहा है. धार्मिक रुप से गतिविधियों में शामिल रहने वाले हैं.