मंगल गोचर दिन - बृहस्पतिवार 

दिनांक - 7 अप्रैल 2022 

मंगल राशि प्रवेश समय - 15:15 मिनिट 

मंगल 7 अप्रैल बृहस्पतिवार के दिन कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. मंगल का कुंभ राशि में जाना अग्नि तत्व का वायु तत्व में प्रवेश जैसा है. अग्नि ओर वायु का संबंध एक दूसरे को विस्तार देने जैसा होता है. मंगल की तेजी कुंभ राशि में जाकर नए मार्ग खोलने वाली होगी. इस समय पर प्रतिक्रिया भी काफी जल्दी से दिखाई देगी. 

मंगल अग्नि, साहस, पौरुष, पराक्रम का ग्रह है. यह एक योद्धा की भावना रखता है. जीवन में बाधाओं का मुकाबला करने के लिए सदैव तत्पर रहता है. मंगल का प्रभाव व्यक्ति को हनशक्ति, दृढ़ संकल्प बना सकता है फैसलों को लेने में तीव्र बनाता है साहस इतना की इसके समक्ष को खड़ा नहीम रह पाए वहीम दूसरी ओर कमजोर मंगल इसके विपरित फलों को देता है साहस की कमी डर का सामना, संकल्प शक्ति क्षीण रहती है.  मंगल 7 अप्रैल, 2022 को 15:15 पर कुंभ राशि में जाएंगे और 17 मई, 2022 तक यहीं रहेंगे. 

मंगल का कुंभ राशि में गोचर क्रोध की अधिकता दे सकता है, कुंभ राशि में तटस्थ तो होगा लेकिन आपके पास प्रयास भी अधिक होंगे. यह अधिक ऊर्जा पाने का समय होगा जिसके द्वारा  महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सहायक होगा. इस समय स्वतंत्र प्रकृति, अच्छी नेतृत्व क्षमता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी अभी उत्पन्न होगी. विविधता और अनुसंधान की ओर बढ़ने का समय होगा 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का मेष राशि पर असर 

मेष राशि के तो स्वामी भी मंगल ही हैं और मंगल अब एकादश भाव में गोचरस्थ होंगे. समय अनुकूल होगा. मंगल वैसे भी एकादश भाव में अच्छे परिणाम देता है. इस स्थान पर आप की इच्छाओं को पूरा करने का साहस भी अब आपको मिलेगा. उच्च शिक्षा हो या फिर अपने रिश्तों में फैसले लेने का समय यह आपको आगे ले जाने में सहायक बनेगा. इस समय पर लोगों के साथ कुछ बेहतरीन समय बिता पाएंगे. कोई उपाधी अथवा सम्मान की प्राप्ति होगी. धनार्जन के अवसर सामने होंगे ओर साथ ही कारोबार से जुड़े लाभ भी आप को मिल पाएंगे. संपत्ति से कुछ लाभ मिल सकता है. परिश्रम अब आपको परिणाम दिला पाएंगे. उत्साह बढ़ेगा तथा नई चीजों से जुड़ पाएंगे शोध अनुसंधान अथवा गुढ़ता के प्रति रुझान भी होगा. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का वृषभ राशि पर असर  

वृष राशि के लिए मंगल बारहवें और सातवें भाव के स्वामी होते हैं. गोचर में इस समय पर मंगल दशम भाव में होंगे जिसके अनुसार ये समय आपके करियर, व्यवसाय, मान सम्मान को प्रभावित करने वाला समय होगा. इसी के साथ आपके चतुर्थ भाव पर मंगल की दृष्टी होगी और घरेलू क्षेत्र पर भी इसका असर होगा. काम के क्षेत्र इस समय बाहरी संपक से कुछ लाभ मिल सकता है. नई योजनाओं में भी हाथ आजमा सकते हैं. साझेदारी से जुड़े कार्य भी इस समय पर प्रभावित होते हैं. कारोबार में नए अवसर मिलने की संभावनाएं उत्पन्न होती हैं. अपने सहकर्मियों के साथ संबंधों को कुशलता से निर्वाह करने की आवश्यकता होती है. क्रोध और जिद से बचने की आवश्यकता होगी. धन के खर्च में वृद्धि का समय होगा. स्वास्थ्य मसलों पर भी ध्यान देना होगा. इस समय परिवार में अथवा संपत्ति से जुड़े मामले भी आप के लिए महत्वपूर्ण होंगे अत: इस समय गोचर के दौरान धैर्यवान होना अत्यंत फायदेमंद होगा धनार्जन के स्त्रोत विकसित होंगे इनका सोच विचार के लाभ उठाना ही उचित होगा. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का मिथुन राशि पर असर  

मिथुन राशि के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और इस समय इनका गोचर नवम भाव पर होगा. गोचर स्थान अनुकूल होने के कारण कुछ शुभ फलों को प्राप्त कर पाने में सक्षम होंगे. यात्राओं को करने का समय होगा, धर्म क्षेत्र हो अथवा सामाजिक स्थिति सभी में आप शामिल हो पाएंगे. पिता की ओर से आप को कुछ नई जिम्मेदारी मिल सकती है अथव अकोई वरिष्ठ व्यक्ति आपको कार्य क्षेत्र में दिशा निर्देश देने वाला होगा. स्वास्थ्य की दृष्टि से थोड़ा संभल कर रहने कि आवश्यकता होगी. प्रतियोगिताएं मुश्किल होंगी लेकिन उनमें सफलता भाग्य का सहयोग पाने में सफल होगी. भाई बंधुओं के साथ अपने संबंधों को लेकर सहज रहने की जरूरत होगी. व्यर्थ के विवाद को अपने जीवन में नही आने देना ही उचित होगा. इस समय दूसरों के प्रति अधिक जागरुक होना होगा. विरोधी तत्व परेशानी खड़ी करेंगे किंतु उन्हें दूर कर पाने में सफलता भी मिलेगी.

मंगल के कुंभ राशि गोचर का कर्क राशि पर असर  

कर्क राशि के लिए मंगल पंचम और दसवें भाव के स्वामी होते हैं. इस समय मंगल का गोचर अष्टम स्थान पर होगा. अष्टमस्थ गोचर जीवन में अचानक होने वाले घटना क्रम का संकेत अधिक देता है. ये समय थोड.अ संभल कर काम करने और नितियों पर पुनर्विचार का समय भी होता है. अचानक से होने हानि-लाभ, उत्तराधिकार के मुद्दे और आयु का क्षेत्र इसके कारण प्रभावित होता है. इस समय कार्यक्षेत्र हो या अन्य स्थितियां उन पर व्यवधान के पश्चात गति का संकेत दिखाई देता है. वरिष्ठों या सहकर्मियों का सहयोग पूर्ण रुप से न मिल पाए. आर्थिक तंगी या अचानक से होने वाले खर्चे चिंता को बढ़ा सकते हैं. मानसिक रुप से बहुत सी विचारधारों से जुड़ते है जिसमें निराशा का भाव भी परेशानी देता है तो दूसरी ओर गुढ़ता का रहस्य का मन में स्थान बनने लगता है. जीवन साथी के साथ संबंधों में जितना संभव हो शालिनता को धैर्य को अपनाने की आवश्यकता होती है अन्यथा विवाद अलगाव की स्थिति उत्पन्न करने लगते हैं. स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए चोट लगना वाहन से परेशानी इत्यादि की समस्या उभर सकती है. प्रॉपर्टी के मामलों को संभल कर करने की आवश्यकता होती है. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का सिंह राशि पर असर  

सिंह राशि के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी बनते हैं और इस समय सातवें भाव पर गोचर करेंगे. यह भाव विवाह और साझेदारी का स्थान होता है और आपके जीवन पर इन दो मुद्दों का असर अधिक होगा. आपके वैवाहिक संबंधों की शुरुआत के साथ उनमें तनाव की स्थिति भी देखने को मिलेगी. अर्थात जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है वह जीवन साथी की खोज कर पाएंगे ओर जो विवाहित हैं उनके जीवन में कुछ उथल -पुथल रह सकती है. व्यापार के क्षेत्र में पद प्राप्ति का समय होगा. नई सोदे मिलने का समय होगा. इस समय पारदर्शिता का आवश्यकता होगी तभी काम में हर प्रकार के संदेह से मुक्ति को प्राप्त कर पाएंगे. अपने सहकर्मियों के साथ शांति और सहभागिता से काम करने की जरुरत अधिक होगी. किसी भी प्रकार की गुटबाजी के लिए समय अधिक अनुकूल न होगा. व्यर्थ के मुद्दे उभर सकते हैं इसलिए तनाव से बचने कि आवश्यकता होगी क्रोध को निय्म्त्रित रखना होगा. जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता हो सकती है. इस समय रिश्तों में अधिक तनातनी एवं जिद को बीच में नहीं आने दें और अनैतिक संबंधों से खुद को दूर रखें अन्यथा छवि खराब होगी ओर रिश्ते बिखर सकते हैं. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का कन्या राशि पर असर  

कन्या राशि के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव के स्वामी होते हैं इस समय पर मंगल का गोचर छठे भाव पर होगा. इस समय पर जो लोग नौकरी इत्यादि की तलाश में हैं उन्हें इस अवधि के दौरान काम मिल सकता है. कार्यालय में जिम्मेदारियों में वृद्धि का समय होगा. कार्यस्थल पर छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं. जीवन थोड़ा अस्त-व्यस्त हो सकता है इसलिए आपको धैर्य रखने की आवश्यकता होगी. परिक्षाओं में कड़ी मेहनत द्वारा अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं. सहयोगियों के साथ झगड़े अथवा व्यर्थ की बातों से खुद को दूर रखना चाहिए. संबंधों में तनाव को स्थान न दें.  आर्थिक रूप से बहुत अधिक निवेश से बचने की आवश्यकता होगी. रिश्तों में व्यवहार में बदलाव देखेंगे. आपके अपने किसी बात से नाराज़ रह सकते हैं जिससे आपके रिश्ते में तनाव आ सकता है. कानूनी मसलों में उलझने के साथ साथ विजय प्राप्ति को भी प्राप्त कर सकते हैं. गल चीजों एवं लोगों से दूरी बनाए रखनी होगी. स्वास्थ्य की दृष्टि से थोड़ी चिंता रह सकती है. चोट लगने या अन्य प्रकार के सेहत से जुड़े मसले चिंता को बढ़ा सकते हैं 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का तुला राशि पर असर  

तुला राशि के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और इस समय पंचम भाव में गोचर करेंगे. इस गोचर के प्रभाव सवरुप ऊर्जा और उत्साह बना रहने वाला है. रिश्तों में अधिक उत्साहित भी रह सकते हैं. इस समय नए विचार आपके दिमाग में आ सकते हैं जिनके द्वारा सफलता प्राप्त कर सकते हैं. छात्रों के लिए आगे बढ़ने का समय होगा. नई सोच ओर मेहनत द्वारा अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. आप के द्वारा की गई मेहनत और प्रयास सकारात्मक फल दे सकते हैं. काम के क्षेत्र में उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं. नए संस्थानों से जुड़ने का समय होगा. प्रेम संबंधों के लिए ये समय संभल कर आगे बढ़ने का होगा. नए रिश्तों का आरंभ भी इस समय पर हो सकता है. दोस्तों के साथ कुछ यात्राएं हो सकती है ओर कुछ नोक झोंक भी बनी रहने वाली है इसलिए इस समय पर क्रोध से बचना होगा. धनार्जन के अवसर मिलेंगे. जीवन साथी के साथ कुछ सहयोग मिलेगा शेयर मार्किट इत्यादि में रुझान होगा लेकिन संभल कर निवेश करने की आवश्यकता होगी जितना हो सके कम से कम ही इस ओर पैसा लगाना चाहिए. संतान को लेकर सेहत संबंधी दिक्कतें कुछ तनाव देंगी लेकिन स्थिति नियंत्रित रहेगी. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का वृश्चिक राशि पर असर  

वृश्चिक राशि के लिए मंगल छठे भाव और प्रथम भाव के स्वामी बनते हैं और इस समय पर चतुर्थ भाव में मंगल का गोचर होगा. मंगल का प्रभाव आपको अपने रुके हुए कार्यों में पूरा करने का अवसर देंगे पूर्व में किया गया परिश्रम इस समय परिणाम देने में सहायक बनेगा.  घर पर निर्माण के काम शुरु होने का समय होगा. घर पर कुछ लोगों के साथ विचारों में भिन्नता होगी लेकिन स्थिति आपके पक्ष में रहेगी. बड़े कार्यों को पूरा कर पाएंगे. परिवार से सहयोग मिल सकता है. कुछ कारणों से घर पर बदलाव का समय भी बनेगा कुछ लोगों के साथ तनातनी भी उत्पन्न हो सकती है. आक्रामकता अथवा बेचैनी का अनुभव होगा. रिश्तों में प्रेम बना रखने की आवश्यकता होगी. बातचीत में क्रोध की स्थिति से बचने की आवश्यकता होगी. काम के क्षेत्र में अपने अधिकारियों की ओर से नए दिशा निर्देश काम में चिंता ओर जिम्मेदारी को बढ़ाने वाले हो सकते हैं. मकान या प्रॉपर्टी से संबंधित लाभ प्राप्ति का समय होगा. परिवार में किसी वरिष्ठ का स्वास्थ्य चिंता भी दे सकता है. वाहन इत्यादि का संभल कर उपयोग करने की आवश्यकता होगी. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का धनु राशि पर असर  

धनु राशि के लिए मंगल पंचम और बारहवें भाव का स्वामी होता है और इस समय पर तीसरे भाव पर इसका गोचर होगा. आपके साहस में वृद्धि का समय होगा. परिश्रम द्वारा आगे बढ़ सकते हैं. खेलकूद, संचार इत्यादि कार्यों में आगे बढ़ने का समय होगा. भाई-बहनों के साथ कुछ चिंता हो सकती है इसलिए स्वयं को शांत बना कर रखें. छोटी यात्राओं को करने में होंगे. काम के नए अवसर भी शुरु होंगे और इनके लिए भागदौड़ भी अधिक रह सकती है. आर्थिक लाभ प्राप्ति होगी. सामाजिक क्षेत्र में आप अधिक शामिल हो सकते हैं.काम पर ध्यान केंद्रित करेंगे, और बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ कड़ी मेहनत करने में आगे रहना अनुकूल फल देने में सहायक होगा. यदि कोई मामला लंबित है, तो उसका निर्णय आपके पक्ष में हो सकता है. निजी जीवन में जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर कुछ चिंता होगी.  इसके अलावा, आपको समाज में प्रशंसा और सम्मान मिलेगा, और इस समय धर्मार्थ गतिविधियों में भाग ले सकते हैं. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का मकर राशि पर असर  

मकर चंद्र राशि के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और इस समय मंगल का गोचर दूसरे भाव में होगा. यहां मंगल का गोचर नेतृत्व करने में वाणी में प्रभावशीलता देने वाला होता है. आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रयास सफलता को प्राप्त कर पाएंगे. नए व्यवसाय के अवसर मिल सकते हैं, और आप अपनी कार्य कुशलता और तकनीकी क्षमताओं के माध्यम से नए अवसर सामने होंगे. यात्राएं अकस्मात होंगी. किसी निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है. अत्यधिक व्यय भी इस समय रहेगा इसलिए थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता होगी. निजी जीवन में इस दौरान आपके जीवनसाथी के साथ संबंध प्रभावित होंगे. घर में कोई शुभ-मांगलिक कार्य होने की भी संभावना है. स्वास्थ्य की दृष्टि से स्थिति मिलेजुले फलों को देने वाली होगी. परिवार में कुछ नकारात्मक बातें परेशानी दे सकती हैं इस कारण तनाव से गुजरना पड़ सकता है. वाणी में थोड़ी कड़वाहट और क्रोध का भी उभर सकता है इसलिए अपनी भाषाशैली का उचित रुप से उपयोग करने की आवश्यकता होगी. 

मंगल के कुंभ राशि गोचर का कुंभ राशि पर असर  

कुम्भ राशि के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव के स्वामी होते हैं और मंगल इस समय पर पहले भाव में गोचर करेंगे लग्न पर ही मंगल का गोचर होने से व्यक्तित्व एवं विचारधारा में बदलाव दिखाई देगा. क्रोध की और मनमर्जी की अधिक स्थिति इस समय बनी रह सकती है.  इस गोचर के दौरान चिड़चिड़ापन और हठ अधिक उभरेगा. कामकाज के लिहाज से  कार्यस्थल पर अच्छा प्रदर्शन कर पाने में सक्षम होंगे. इस समय के दोरान जल्दबाजी में कोई निर्णय न लेना ही अनुकूल होगा. आर्थिक रूप से यह अवधि औसत रह सकती है, आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है, भौतिकवादी और सांसारिक सुख की तीव्र इच्छा हो सकती है. निजी जीवन में अपनों और सामाजिक दायरे के साथ आपके संबंध तब तक ठीक रहेंगे जब तक आप अपने स्वभाव को नियंत्रित और शांत नहीं रखेंगे. स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ संक्रामक रोगों का विशेष ध्यान रखें.

मंगल के कुंभ राशि गोचर का मीन राशि पर असर  

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल द्वितीय और नवम भाव के स्वामी होते हैं इस समय मंगल द्वादश भाव पर गोचर होगा. इस समय पर संभल कर काम करने की आवश्यकता होगी. बाहरी संपर्क का समय होगा अथवा लम्बी दूरी की यात्राओं में आगे बढ़ सकते हैं. कुछ मामलों में वृथा की भागदौड़ भी अधिक रह सकती है. जीवन साथी के साथ दूरी उभर सकती है. काम में कुछ असफलता या अटकाव जैसी स्थिति परेशानी दे सकती है. रिश्तों में किसी अन्य का हस्तक्षेप विवाद की स्थिति को उत्पन्न कर सकता है. स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि खान-पान बदलाव इत्यादि का सेहत पर असर होगा. शरीर में थकान या दर्द की शिकायत भी हो सकती है. अनिद्रा इत्यादि से भी परेशान हो सकते हैं. आध्यात्मिक क्षेत्र में जुड़ाव का समय होगा किसी धर्माथ के कार्यों इत्यादि में शामिल हो सकते हैं.