चंद्रमा की व्यवसाय और कार्यक्षेत्र में उपयोगिता है बहुत ही प्रभावशाली ढ़ग से उभर कर सामने आती है. व्यवसाय क्षेत्र में चंद्रमा एक जलीय ग्रह है अत: इसके कार्यों में जल से संबंधित वस्तुओं का व्यापार करने के अवसर देखे जा सकते हैं. चंद्रमा के तत्व में शीलता की प्रमुखता होती है और यह अपने काम एमं भी अपने जैसे शुभ गुणों को देने वाला बनता है. इसी के आधार पर चंद्रमा से प्रभावित होने पर व्यवसाय में व्यक्ति अपनी स्थिति के अनुकूल पाने की चाह रखता है वह कुछ विचारों में काफी विभिन्नता रख सकता है और अपने अनुरूप काम को एक-रसता में बंधने से दूर भी करता है.
चंद्रमा की स्थिति द्वारा व्यवसाय में उसका प्रभाव पूर्ण रूप से झलकता है. जातक को कार्य में चंद्रमा का प्रभाव देखने को मिलता है. चंद्रमा जब अन्य ग्रहों के साथ युति बनाता है या उनसे दृष्टि संबंध बनाता है तो जातक के व्यवसाय क्षेत्र में कई प्रकार के पहलू देखने को मिल सकते हैं. जातक अपने कार्य क्षेत्र में इन ग्रहों के शुभ व अशुभ दोनों रूपों की छाप देखता है. कौन सी बात अधिक प्रभाव दे रही है वह ग्रह के कारक तत्वों से स्पष्ट होती है जिससे जातक को व्यवसाय चयन व रूझान का भी पता चल पाता है.
चंद्रमा का व्यवसाय निर्धारण में योगदान | Role Of Moon In Business
- यदि कुण्डली में चंद्रमा का दूसरे जलीय ग्रहों के साथ संबंध बनता है तो जातक पानी बेचने के कार्यों, नाव चलाने, पानी से जुडे़ कामों, रंग-रोगन के निर्माण कार्य से भी जुड़ सकता है.
- चंद्रमा का खाने पीने की वस्तुओं से भी गहरा संबंध रहा है. क्योंकि चंद्र लग्न भी बनता है और जलीय ग्रह है अत: जब चंद्रमा का और द्वितीयेश का प्रभाव कार्य क्षेत्र पर पड़ता है तो जातक होटल, रेस्त्रां इत्यादि में काम करने की चाह रख सकता है.
- दुग्ध से जुडे़ हुए पदार्थों की बिक्री या निर्माण कार्य से भी जातक का झुकाव रह सकता है. किसी न किसी प्रकार से तरल पदार्यों की बिक्री का भी काम इससे देखा जा सकता है.
- जातक मछली पालन के क्षेत्र में काम करने लग सकता है. नेवी के काम में जा सकता है.
- चंद्रमा को स्त्री ग्रह माना गया है अत: जब यह अपने ही जैसे दूसरे ग्रह के साथ संबंध बनाता है तो जातक स्त्री पक्ष के साथ मिलकर काम करने वाला बन सकता है.
- चंद्रमा को रानी का स्थान प्राप्त है जिस कारण से राज्य से संबंधित होने के कारण यह ग्रह, सूर्य या बृहस्पति ग्रहों के साथ मिलकर सरकार और राजनीति से संबंधित कामों को करने अवसर भी देता है.
- चंद्रमा सुगंध प्रिय है अत: शुक्र ग्रह का साथ पाकर सुगंन्धित तेलों के निर्माण कार्य या उन्हें बेचने से संबंधित काम करवाने में मददगार हो सकता है.
- चंद्रमा दशम भाव में स्थित हो और उस पर राहु का प्रभाव आ रहा हो तो ऎसी स्थिति में जातक मादक पदार्थों जैसे शराब बेचने के काम में लग सकता है. इसी प्रकार यदि चंद्रमा नीच का हो राहु से संबंध बनाते हुए चतुर्थ भाव के साथ जुडे़ तो व्यक्ति गलत कामों से पैसा कमाने वाला हो सकता है परंतु इन स्थितियों के साथ अन्य तथ्य जैसे अन्य ग्रहों का दृष्टि प्रभाव और भावों का स्वामित्व भी इस ओर अपनी भूमिका निभाता है.
- चंद्रमा को मन से जुडा़ मानते हैं मन का पूर्ण अधिपत्य चंद्रमा द्वारा प्रतिफलित होता है. ऎसी स्थिति में जब चंद्रमा, चौथे भाव या उसके स्वामी, शनि अथवा राहु के साथ दृष्टि या युति संबंध बनाता है तो जातक मन विरक्ति से युक्त हो सकता है तथा उसे उदासीन बना सकता है ऎसी स्थिति में जातक साधुओं जैसा व्यवहार कर सकता है अथवा रेन्टल इनकम द्वारा जीवन व्यतीत कर सकता है.
- चंद्रमा यदि द्वितीयाधिपति होकर बुध जैसे व्यवसायी ग्रहों के साथ संबंध बनाता है तो धान की उपज का व्यापार कर सकता है.
- कुण्डली में चंद्रमा लग्नेश होकर द्वितीयेश बृहस्पति से प्रभावित होता है तो व्यक्ति मिष्ठान के कामों से जीविकोपार्जन कर सकता है.
- इसके अतिरिक्त जातक कपडा़ व्यवसाय, नर्सिग से जुडे़ कामों को करने वाला हो सकता है. फलों के जूस के काम में भी चंद्रमा का हस्तक्षेप बना रहता है.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            
