 गोचर  में जब ग्रह अनिष्ट फल दे रहा हो या फिर दशा में कष्ट देने कि स्थिति में  हों ऎसे में ग्रह के उपाय करना हितकारी रहता है. जन्म कुण्डली में जब किसी  ग्रह का सहयोग प्राप्त न होने की स्थिति में उस ग्रह से जुडे उपाय करने से  ग्रह का शुभ सहयोग प्राप्त होता है. यह उपाय ग्रह से संबन्धित कार्यो में  भी किये जा सकते है.
गोचर  में जब ग्रह अनिष्ट फल दे रहा हो या फिर दशा में कष्ट देने कि स्थिति में  हों ऎसे में ग्रह के उपाय करना हितकारी रहता है. जन्म कुण्डली में जब किसी  ग्रह का सहयोग प्राप्त न होने की स्थिति में उस ग्रह से जुडे उपाय करने से  ग्रह का शुभ सहयोग प्राप्त होता है. यह उपाय ग्रह से संबन्धित कार्यो में  भी किये जा सकते है.
बुध की वस्तुओं का स्नान करने के लिये स्नान के पानी में साबुत चावल के दाने डालकर स्नान किया जाता है. तांबे के बर्तन में जल भरकर रात भर रखने के बाद इस जल को ग्रहण किया जाता है ऎसा करने पर तांबे के गुण जल के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते है. तथा बुध से जुडे रोगों होने पर यह उपाय करने पर लाभ प्राप्त होता है. इस उपाय को करते समय बुध के मंत्र का जाप करने पर उतम फल प्राप्त होते है
बुध के लिये किये जाने वाली वस्तुओं में हरी मूंग की दाल आती है. बुध की वस्तुओं में तांबे का दान भी किया जा सकता है. बुध की वस्तुएं दान करने पर बुद्धि व शिक्षा कार्यो में सफलता मिलती है. ये दान प्रत्येक बुधवार को किये जा सकते है. दान कि मात्रा अपने सामर्थ्य के अनुसार लेनी चाहिए.
बुध मंत्र में "ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:" का जप करना चाहिए. इस मंत्र का एक माला अर्थात 108 बार जाप करने से बुध ग्रह की शान्ति होती है. बुध ग्रह जब गोचर में व्यक्ति के अनुकुल फल नहीं दे रहा हों तो इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए. बुध की महादशा के शुभ फल पाने के लिये बुध की महादशा अन्तर्दशा में नियमित रुप से इस मंत्र का जाप करना लाभकारी रहता है.
बुध ग्रह को ग्रहों में राजकुमार की उपाधि दी गई है लेकिन जन्म कुंडली में यदि बुध अशुभ ग्रहों के साथ है तो यह अशुभ होता है और यदि शुभ ग्रहों के प्रभाव में है तो यह शुभ फल प्रदान करता है. बुध भगवान पीला वस्त्र धारण किए सिर पर सोने का मुकुट तथा गले में सुन्दर पुष्प माला पहने हुए कांति युक्त दिखाई देते हैं. हाथों में तलवार, ढाल, गदा और वरमुद्रा धारण किये हैं. बुध देव का वाहन सिंह है यह श्वेत रथ और प्रकाश से दीप्त हैं. नवग्रह में इनकी पूजा ईशानकोण में की जाती है इनका प्रतीक वाण है तथा रंग हरा है.
बुध के मंत्र जाप करने चाहिए. सुबह अथवा शाम किसी भी समय में बुध के मंत्र जाप किए जा सकते हैं. बुध के मंत्र कई प्रकार है.
बुध का वैदिक मंत्र | Vedic Mantra
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च ।
 अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन्विश्वे देवा यजमानश्च सीदत ।।
बुध का पौराणिक मंत्र | Puranic Mantra
प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम ।
 सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम ।।
बुध गायत्री मंत्र | Mercury Gayatri Mantra
"ॐ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुध: प्रचोदयात ।"
बुध के तांत्रोक्त मंत्र | Tantrokta Mantra
- ॐ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:
- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
- ॐ स्त्रीं स्त्रीं बुधाय नम:
बुध का नाम मंत्र | Naam Mantra
"ॐ बुं बुधाय नम:"
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            