करियर ज्योतिष कैसे बन सकती है हमारे लिए सहायक
करियर ज्योतिष एक बेहद की उपयोगी और सहायक बन सकता है उन सभी के लिए जो अपने काम को लेकर कई तरह की दुविधाओं में फंसे होते हैं. ज्योतिष में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एक अच्छा करियर पाने के लिए करियर ज्योतिष बेहतरीन विकल्प के रुप में सामने होता है. अपने जीवन में सफल करियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत जरुरी है लेकिन इसके साथ ही कई बार सफलता कड़ी मेहनत के साथ नहीं आती है यह उन संयोगों एवं योगों के द्वारा भी आती है जो किसी व्यक्ति की कुंडली में मौजूद होते हैं.
कुंडली में सकारात्मक ग्रहों द्वारा दर्शाए गए योग जीवन में जबरदस्त रुप से बदलाव के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. कुंडली में मौजूद ग्रह हम सभी एक अभूतपूर्व प्रभाव डालते हैं, यह जीवन के विभिन्न प्रयासों के लिए तथा करियर के निर्माण में एक निर्णायक कारक के रुप में भी उभरते हैं. यदि हमें उचित रुप से सही समय पर यह पता चल जाए की हमारे लिए कौन सा विकल्प अधिक उपयोगी हो सकता है तब हम अपने करियर में उन उपलब्धियों को प्राप्त कर पाएंगे जिनके लिए लम्बे समय तक इंतजार भी नहीं करना होगा. करियर राशिफल ओर करियर रिपोर्ट को देख कर हम अपने समय और ऊर्जा उन क्षेत्रों पर केंद्रित कर सकते हैं जो हमारे करियर के लिए बेस्ट हो सकती हैं
पराशर होरा शास्त्र कैसे करता है करियर को लेकर भविष्यवाणी
ज्योतिष में कई तरह की बातें सम्मलित हैं, इन सूत्रों को जानकर ही जीवन के विभिन्न पक्षों को देखा परखा जाता है. वैदिक ज्योतिष, एक प्राचीन गुप्त विज्ञान है जो कई चीजों के बीच, यह बताता है कि किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उस व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों द्वारा दर्शाए जाने के अनुसार कैसे जाना जा सकता है. व्यक्ति जब अपने जीवन के भविष्य के पथ को जान लेने की इच्छा रखता है तब उस समय करियर ज्योतिष बहुत सहायक बन जाता है. इसमें पराशर होरा शास्त्र के सूत्र बेहद सहायक उपयोगी होता है. पराशर सूत्रों के द्वारा यदि करियर की ओर ध्यान दिया जाए तो व्यक्ति उचित निर्णय ले सकता है. इसके साथ ही कम बाधाओं के साथ जीवन में अधिकतम सफलता को पाने के लिए ये स्थिति बहुत कारगर सिद्ध हो सकती है.
जब किसी व्यक्ति के करियर क्षेत्र की बात आती है, तो ज्योतिष बहुत मददगार साबित होता है. ज्योतिष किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर किसी व्यक्ति के लिए सर्वोत्तम संभव क्षेत्रों या करियर के रास्ते की पहचान करता है. इसे कई तरह से समजा जा सकता है जो ज्योतिष सूत्र कहलाते हैं
लग्न / पहला भाव
करियर के लिए सबसे पहले लग्न को समझना बेहद जरुरी है. लग्न वह भाव होता है जो स्वयं, व्यक्तित्व, अहंकार और आत्मविश्वास को दर्शाता है. ये सभी गुण किसी व्यक्ति के अंतरआत्मा के स्वभाव या झुकाव को आकार देते हैं. व्यक्ति कितना मजबूत है उसके काम करने की क्षमता कैसी है क्या वह निडर है या डरपोक साहसी है या कमजोर, आत्मनिर्भर है या फिर संकोची इन सभी बातों को जान कर उसके लिए सबसे उपयुक्त कैरियर क्षेत्र की पहचान करने का सबसे महत्वपूर्ण मानदंड पूर्ण हो पाता है.
दशम भाव
कुंडली का दसवां भाव करियर के लिए अत्यंत विशेष माना गया है. यह वह भाव स्थान होता है जो किसी व्यक्ति के करियर को दर्शाता है. इसलिए, इस घर की स्थिति में कई बातें शामिल होती हैं. जिसमें इस भाव की स्थिति, भाव के स्वामी की स्थिति, इस भाव पर ग्रहों की दृष्टि. अन्य ग्रहों की इस भाव के स्वामी पर दृष्टि. ग्रहों में विशिष्ट भाव संयोजन का दशम भाव एवं दशमेश के साथ संबंध देख कर करियर का मूल्यांकन उचित हो पाता है. कुंडली में ग्रह उन भावों का परिणाम प्रदान करते हैं जो वे स्थान, स्वामित्व, युति योग और दृष्टि के संबंध में दर्शाते हैं. जब करियर की बात आती है, तो विभिन्न भाव और एक दूसरे के साथ उनके संबंधों का प्रभाव जो ग्रहों द्वारा बनता है यह तय करता है कि व्यक्ति के जीवन में ग्रह अपनी दशा के समय किस प्रकार के परिणाम प्रदान करेंगे.
करियर सफल के लिए अन्य भाव और ग्रह
कैरियर में वृद्धि सफलता को बढ़ावा देने वाले भाव का योग मुख्य रुप से इस प्रकार होता है. इसमें दूसरे भाव, छठे भाव, सप्तम भाव, दशम भाव, एकादश भाव का अहम असर देखने को मिलता है. इसके विपरित व्यक्ति के करियर क्षेत्र में असफलता लाने वाले भावों का योग इस प्रकार है. इसमें छठा भाव, आठवां भाव, बारहवां भाव और पंचम भाव. इन भाव का संबंध दशा में गोचर में जब एक्टिव होता है तो उस स्थिति में करियर के लिए संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होती देखी जा सकती है.
करियर के अनुकूल क्षेत्र की पहचान कैसे करें?
कैरियर सफलता को पाने में निम्नलिखित बातों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना जरुरी होता है. दशम भाव का स्वामी. दशम भाव का स्वामी ग्रह व्यक्ति के लिए अत्यधिक उपयुक्त करियर क्षेत्रों को दिखाता है. ये वे करियर क्षेत्र है जो व्यक्ति के लिए आशाजनक संभावनाएं रखता है. इसके अलावा अवसरों को पाकर करियर बनाने में अपना समय और ऊर्जा केंद्रित करने की ओर इशारा देता है.
दशम भाव के स्वामी की स्थिति भी इसका दूसरा मुख्य विषय होती है. जिस भाव में दशम भाव का स्वामी स्थित होता है, वह भी किसी व्यक्ति के लिए सबसे उपयुक्त करियर क्षेत्र निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
चंद्रमा के नक्षत्र का प्रभाव, चंद्रमा हमारे मन और विचार प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए, जो ग्रह चंद्रमा के नक्षत्र पर अधिकार करता है, वह महत्वपूर्ण रूप से हमारे झुकाव और रुझान को दर्शाता है और ये बात कैरियर के क्षेत्र में विकास की ओर ले जाती है.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            