राहु जब इनकम भाव पर डालता है अपना असर ?

ज्योतिष में सभी ग्रहों और राशियों का अपना महत्व होता है. वैदिक ज्योतिष में किसी भी अन्य भाव की तुलना में ग्यारहवें भाव का अधिक महत्व है. ग्यारहवां भाव स्थान राहु के लिए अच्छे  परिणाम देने वाला होता है. इस आधुनिक युग में राहु अतिरिक्त रुप से बलवान है. कुंडली में ग्यारहवें भाव में राहु का अर्थ होता है महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना. जब राहु एकादश भाव में विराजमान होता है तो नए बदलाव को दिखाता है. राहु वास्तव में अन्य ग्रहों की तरह वास्तविक ग्रह नहीं है. राहु को वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा के उत्तरी नोड के रूप में जाना जाता है. इसीलिए इसे छाया ग्रह भी कहा जाता है.

राहु की कोई राशि नहीं है लेकिन यह वृष, मिथुन, कन्या, कुम्भ और तुला राशियों में अनुकूल फल देता है. कुछ लोग वृष और मिथुन राशि को राहु की उच्च राशि भी मानते हैं. राहु पाप ग्रह है जीवन में परेशानी को दर्शाता है. राहु के संबंध में इसे सूर्य और चंद्रमा के शत्रु के रूप में भी जाना जाता है. राहु का संबंध राजनेताओं से भी होता है. राहु ज्योतिष में विदेश का स्वामी है. यह इंटरनेट जैसी आधुनिक युग की तकनीक से भी जुड़ा है. इसलिए जो लोग विदेश में या विदेशी संगठन में काम कर रहे हैं, उन्हें एक मजबूत और अच्छी तरह से स्थित राहु की जरूरत होती है.इसी के साथ इंटरनेट से जुड़े काम में राहु सहायक बनता है.

वैदिक ज्योतिष में ग्यारहवें भाव में राहु का महत्व

एकादश भाव में राहु आर्थिक रुप से संपन्न बनाने में सहायक होता है. एकादश भाव को लाभ भाव कहा जाता है. ऎसे में राहु यहां होता तो लाभ में वृद्धि को दर्शाता है. लेकिन अलग-अलग लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में बैठा राहु अलग-अलग असर दिखाने वाला होता है.

राहु का ग्यारहवें भाव में फल 

वैदिक ज्योतिष में अधिकांश घरों में राहु का नकारात्मक प्रभाव ही देखने को मिलताहै, लेकिन धन संपत्ति के मामले में राहु ग्यारहवें भाव में भाग्यशाली बना सकता है. आय भाव में राहु धन के मामले में अच्छा है और राहु की महादशा के दौरान अच्छा प्रभाव देता है.

आय भाव में राहु संपत्ति और अचल चल संपत्ति से लाभ देता है. कड़ी मेहनत के कारण व्यक्ति धनवान बनता है. जीवनशैली में वैभवपूर्ण सुख प्रदान करता है. खूब कमाने के मौके मिलते हैं. कमाई अपनी सुख-सुविधाओं पर खर्च करने वाला भी बनाता है. 

जब राहु आपके आय भाव में विराजमान होता है तो आपका व्यवसायिक रुप से योग्य बनाता है. चातुर्य देता है अपनी योजनाओं द्वारा व्यक्ति अच्छा लाभ कमा सकता है. पैसा निवेश करके लाभ प्राप्ति के मौके देता है. व्यक्ति के मन में धनवान बनने की इच्छा होती और इसी के चलते वह लगातार प्रयास भी करता है. अपनी मेहनत और लगन से धनवान बनते हैं. 

मेष लग्न के लिए राहु एकादश भाव में

मेष लग्न के लिए कुंभ  एकादशवां भाव है और कुंभ राशि में राहु काफी मजबूत होता है. यह बातूनी स्वभाव देता है व्यक्ति संवाद करने में आप माहिर होता है. अपनी बातों से किसी की भी मानसिकता बदल सकता हैं. मनोरंजन के क्षेत्र में अच्छा करियर मिलने की संभावना होती है. दूसरों को हंसा सकते हैं ऎसा गुण बहुत ही कम लोगों में देखने को मिलता है. तकनीकी क्षेत्र में भी  करियर बना सकते हैं. पैसों के मामले में भविष्य उज्ज्वल रहता है. शेयर बाजार में भी अच्छा अवसर मिल सकता है. लेकिन कभी-कभी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जिससे आपको सफलता देर से मिल सकती है.

वृष लग्न के लिए राहु एकादश भाव में

वृष लग्न के लिए मीन राशि ग्यारहवें भाव में आती है और मीन राशि में राहु मध्यम बली होता है. व्यक्ति को तेज दिमाग वाला बनाता है राहु. आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है. प्रेम जीवन सुखमय रहता है. अच्छी शिक्षा और ज्ञान होता है. कभी-कभी कुछ उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है लेकिन संघर्ष और मेहनत से फल अवश्य मिलता है. स्वास्थ्य कमजोर रहता है जिस कारण  अपना अतिरिक्त ध्यान रखना होता है.

मिथुन लग्न के लिए राहु एकादश भाव में

मिथुन लग्न में ग्यारहवें भाव में मेष राशि आती है. मेष राशि पर मंगल का असर होता है जो राहु का शत्रु है. इसलिए राहु मेष राशि में बहुत अनुकूल सहज नहीं रह पाता है. व्यक्ति सभी के साथ बहुत दोस्ताना व्यवहार करता है. भीड़ में रहने की अपेक्षा अकेले रहना पसंद करता है. दूसरों के आदेश से अधिक अपनी बातें को सुनना पसंद करेगा. परिवार और दोस्तों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे.आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहेगी.धनवान होगा और विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत कर पाएगा. 

कर्क लग्न के लिए राहु ग्यारहवें भाव में

वृष राशि कर्क लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में आती है. वृष राशि में राहु अत्यंत बलवान होता है. कर्क लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में राहु अमीर बना सकता है.  सामाजिक दायरे में प्रसिद्ध और पहचाने दिलाता है. बचपन में गले या खांसी की समस्या रह सकती है. माता बहुत सी समस्याओं और अवसाद से ग्रसित हो सकती है. राहु कर्क लग्न के लोगों के लिए भौतिक लाभ के लिए अच्छा है.

सिंह लग्न के लिए राहु ग्यारहवें भाव में

सिंह लग्न के लिए मिथुन राशि ग्यारहवें भाव आती है. मिथुन राशि में राहु बलवान होता है. सिंह लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में राहु आत्मविश्वासी बनाता है. यह आर्थिक लाभ और कमाई के लिए अच्छा होता है. जीवन में सफलता मिलती है. समस्याओं को दूर करने में सक्षम होते हैं. अपने लक्ष्यों की ओर आकर्षित होते हैं. गुस्सैल स्वभाव के होते हैं अपनी मनोवृत्ति से भरे रहते हैं.व्यक्ति नेता सरीखा होता है राजसी स्वभाव के कारण जीवन में कई बार नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

कन्या लग्न के लिए राहु ग्यारहवें भाव में

कन्या लग्न के लिए कर्क राशि एकादश भाव में पड़ती है. कन्या लग्न के लिए एकादश भाव में राहु अच्छी और संतोषजनक जीवनशैली देता है. करियर, व्यापार, पैसा, परिवार, प्यार और हर चीज के मामले में  भाग्य का सहयोग मिल पाता है. व्यक्ति को अधिक मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है. समझदार और देखभाल करने वाला जीवन साथी प्राप्त होता है. लुक आकर्षक होता है. स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कतें हो सकती हैं. 

तुला लग्न के लिए राहु  एकादश भाव में

तुला राशि के लिए सिंह राशि ग्यारहवें भाव में आती है. सिंह राशि में राहु ग्यारहवें भाव में हो तो यह जीवन में ऊंचाईयों तक ले जाने की क्षमता रखता है. यदि यह मजबूत हो और अन्य ग्रहों का सहयोग प्राप्त हो रहा हो तो अच्छे लाभ दिलाता है. व्यावहारिक व्यक्ति तथा स्वभाव से काफी सहयोगी बनाता है. वैवाहिक जीवन में काफी दिक्कतें आ सकती हैं पार्टनर के विचारों में अंतर रहेगा. निजी जीवन से संतुष्ट नहीं रह पाते हैं.

वृश्चिक लग्न के लिए राहु एकादश भाव में

वृश्चिक लग्न के लिए कन्या राशि ग्यारहवें भाव में आती है. वृश्चिक लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में राहु सपने और लक्ष्य को पूरा करने का उत्साह देता है. व्यक्ति अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहता है.  यह धन और संपत्ति के लिए एक अच्छा स्थान है. कन्या राशि में ग्यारहवें भाव में राहु आपको एक बहुत ही सफल व्यवसायी बना सकता है. विदेशों में भविष्य बनाने के बहुत सारे स्कोप मिलते हैं 

धनु लग्न के लिए राहु एकादश भाव में

धनु लग्न के लिए तुला राशि ग्यारहवें भाव में आती है. तुला में राहु कुछ रचनात्मक कार्यों के माध्यम से पैसा बनाने के लिए अच्छा होता है. यह एक सफल व्यवसायी बनाता है.  धनु लग्न के लिए राहु का एकादश भाव में होने से कमर दर्द की समस्या से पीड़ित रह सकते हैं. व्यवसाय में या यात्रा के दौरान बहुत सारे अजनबियों से मिलवाता हैं साहस के साथ व्यक्ति आगे बढ़ता है. 

मकर लग्न के लिए राहु ग्यारहवें भाव में

वृश्चिक राशि मकर लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में आती है. यहां राहु कमजोर होता है और वृश्चिक राशि में तब तक लाभकारी परिणाम नहीं दे सकता जब तक कि यह युति या अन्य लाभकारी ग्रहों से प्रभावित न हो. जीवन में अनावश्यक समस्याओं और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. मित्र की ओर से भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. गलत लोगों के साथ घुलने-मिलने की प्रवृत्ति अधिक रह सकती है. 

कुंभ लग्न के लिए राहु ग्यारहवें भाव में

कुंभ लग्न के लिए धनु राशि एकादश भाव में आती है. धनु राशि में राहु कमजोर होता है. राहु धनु राशि में आपको अपनी कमाई के बारे में लगातार समस्या दे सकता है. स्थिर कमाई नहीं हो सकती है. मित्रों और सामाजिक दायरे से भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. व्यक्ति दिवास्वप्न देखने वाला हो सकता है. व्यक्ति के पास बहुत सारे सपने होते हैं 

मीन लग्न के लिए राहु ग्यारहवें भाव में

मीन लग्न के लिए मकर राशि ग्यारहवें भाव में होती है. मीन लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में राहु कोमल बना सकता है. उदार बनाता है लेकिन साहस में कमी देता है. विदेशों में अच्छी तरक्की मिल पाती है. कल्पना प्रेमी होता है व्यक्ति.  राहु आर्थिक समृद्धि के लिए अच्छा रहता है.