व्यवसाय अथवा नौकरी से संबंधित सामान्य नियम | General Rules Related to a Profession or Service

नौकरी से संबंधित बहुत से प्रश्न प्रश्नकर्त्ता के द्वारा पूछे जाते हैं. तरक्की कब होगी? तरक्की होगी या नहीं होगी? क्या नौकरी में तबादला होगा? तबादला होगा या नहीं होगा? नई नौकरी कब मिलेगी? वर्तमान नौकरी में रहूं या नई नौकरी ज्वाइन कर लूँ. कौन सा व्यवसाय करुँ? इन सभी प्रश्नों के लिए लग्न का विश्लेषण सबसे अधिक महत्व रखता है. उसके बाद दशम भाव का विश्लेषण महत्व रखता है. 

* दशम भाव कार्य से संबंधित प्रश्न है. 

* यदि तरक्की का प्रश्न है तब द्वित्तीय तथा एकादश भाव का आंकलन भी अवश्य किया जाएगा. 

* यदि तरक्की के प्रश्न में ओहदा बढ़ने की बात पूछी जा रही है तब दशम भाव का विश्लेषण किया जाएगा. 

* यदि प्रश्नकर्त्ता अपने तबादले के संबंध में प्रश्न कर रहा है तब तृत्तीय तथा नवम भाव का विश्लेषण किया जाता है. इसमें घर से कम दूरी पर तबादला होता है.  

* यदि दूर परिवर्तन की बात है अथवा विदेश की बात है तब अष्टम तथा द्वादश भाव का विश्लेषण किया जाएगा.  

* विदेश के लिए चतुर्थ भाव का पीड़ित होना आवश्यक होता है. 

* प्रश्न के समय का लग्न, वर्तमान नौकरी तथा वर्तमान बॉस को दर्शाता है. सप्तम भाव भविष्य में होने वाली नौकरी तथा भविष्य के बॉस को दिखाता है. 

* द्वादश भाव से सेवानिवृति(Retirement) देखी जाती है. नौकरी में बना रहेगा अथवा नहीं रहेगा. 

 सिद्धि के योग | Yogas of Sidhi

* प्रश्न का लग्न बली है तब प्रश्नकर्त्ता जो चाहता है वो हो जाएगा. 

* दशम भाव का स्वामी तथा दशमेश बली हैं तो प्रश्नकर्त्ता जो चाहता है वह हो जाएगा. 

* प्रश्न के समय चन्द्रमा बली है तो जातक को मानसिक संतुष्टि रहेगी. 

* प्रश्न के समय द्वित्तीयेश तथा द्वित्तीय भाव, एकादशेश तथा एकादश भाव बली हैं तो जातक जो चाहता है वह हो जाएगा. 

* प्रश्न के समय यदि चतुर्थ भाव में शुभ ग्रह हैं तो प्रश्नकर्त्ता जहाँ है वहाँ सुखी है. 

* प्रश्न के समय यदि चतुर्थ भाव में अशुभ ग्रह स्थित हैं तब प्रश्नकर्त्ता जहाँ है वहाँ सुखी नहीं है. 

* चतुर्थ भाव से आमदनी का आंकलन भी करते हैं इसलिए प्रश्न के समय शुभ ग्रह यदि चतुर्थ भाव में है तब प्रश्नकर्त्ता के लिए शुभ है.  

नौकरी अथवा व्यवसाय के योग | Yogas of Job Or Business

नौकरी से संबंधित कुछ योगों की चर्चा हम इस पाठ में करेंगें. इन योगों के आधार पर प्रश्नकर्त्ता के सामान्य प्रश्नों का उत्तर आप आसानी से दे सकते हैं. नौकरी के सामान्य नियम आप प्रश्न कुण्डली पर लागू करें. सूक्ष्मता से अध्ययन करने के लिए आप प्रश्न कुण्डली की दशमाँश कुण्डली का अध्ययन भी कर सकते हैं. नौकरी अथवा व्यवसाय के योग निम्नलिखित हैं :- 

* यदि नौकरी से संबंधित प्रश्न है तब प्रश्न के समय यदि दशमेश लग्न में है या लग्नेश दशम में है तब नौकरी जल्दी लग जाएगी. यदि प्रश्न आगे बढ़ने का है तब जल्दी आगे बढे़गा. 

* दशमेश तथा लग्नेश एक साथ स्थित है तो कार्यसिद्धि शीघ्र होगी. दशमेश तथा लग्नेश का शुभ इत्थशाल है तो कार्य जल्दी सिद्ध होगा. इत्थशाल में जितने अंशों का अंतर होगा उतने दिन, महीने बाद नौकरी लगेगी. 

* प्रश्नकर्त्ता ने किसी ग्रह के वक्री होने पर नौकरी छोडी़ है तब उस ग्रह के मार्गी होने पर पुन: नौकरी लग जाएगी. 

* यदि किसी ग्रह के राशि परिवर्तन के समय नौकरी छोडी़ है तब उस ग्रह के अगली राशि बदलने पर नौकरी लग जाएगी. 

* नए स्थान पर नौकरी आरम्भ करने से पूर्व प्रश्नकर्त्ता के नक्षत्र से कम्पनी के नाम के नक्षत्र का मिलान कर सकते हैं. इसमें दोनों की नाडी़ एक ही होनी चाहिए. 

वर्तमान नौकरी में बना रहे या बदले? | Should one continue with the same job or change it

* चर लग्न शुभ दृष्ट तो वर्तमान नौकरी से संतुष्ट होगा.  

* चर लग्न यदि अशुभ ग्रहों से दृष्ट होगा तो दूसरी नौकरी में असंतोष होगा. 

* प्रश्न के समय स्थिर लग्न है और पाप दृष्ट भी है तब प्रश्नकर्त्ता नौकरी नहीं बदल पाएगा और वर्तमान समय में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 

* प्रश्न के समय स्थिर लग्न शुभ दृष्ट तो वर्तमान नौकरी में संतोष बना रहेगा और प्रश्नकर्त्ता तरक्की भी करेगा. 

* प्रश्न के समय चन्द्रमा का इत्थशाल लग्नेश से होता है तो जातक वर्तमान नौकरी में बना रहेगा. 

* प्रश्न के समय चन्द्रमा सप्तमेश से होगा तो नौकरी में परिवर्तन होगा. 

* प्रश्न के समय चन्द्रमा का इत्थशाल द्वित्तीयेश से होगा तो प्रश्नकर्त्ता वर्तमान नौकरी में बना रहेगा. 

* प्रश्न के समय चन्द्रमा का इत्थशाल अष्टमेश से होता है तो नौकरी में परिवर्तन होता है. जातक नौकरी बदलेगा. 

* प्रश्न के समय शनि की दृष्टि चतुर्थ भाव या दशम भाव पर है तो स्थान से हट जाएगा. शनि की तीसरी दृष्टि हटाने क काम अधिक करेगी. 

* विदेश के प्रश्न में यदि कुण्डली में अधिकतर ग्रह चर राशि में और देखने वाले ग्रह भी चर राशि में हैं तब भाग्य विदेश में उदय होगा. 

* यदि अधिकतर ग्रह स्थिर राशि में हैं और देखने वाले ग्रह भी स्थिर राशि में हैं तब भाग्योदय स्वदेश में ही उदय होगा. 

* लग्न के बली होने पर पुरनी नौकरी में बने रहने में लाभ है. सप्तम भाव के बली होने पर नौकरी बदलने में फायदा होगा. 

* नौकरी में बना रहूंगा या छोड़ दूंगा के प्रश्न में, प्रश्न के समय चर लग्न और चर नवाँश होने पर वर्तमान नौकरी छूट सकती है. लग्नेश के अस्त होने पर भी नौकरी छूट सकती है. 

* प्रश्न के समय लग्नेश या दशमेश नीचे के ग्रहों से संबंधित है तो नौकरी छूट सकती है. 

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