शुक्र का शुभ या अशुभ प्रभाव कैसे करता है आपको प्रभावित
कुंडली में मौजूद आपके लिए शुभ है या अशुभ इस बात को जानने के लिए जरुरी है की, इसके द्वारा मिलने वाले प्रभावों को समझ लिया जाए. शुक्र के कारक तत्वों की प्राप्ति जीवन में किस रुप में होती है उसके द्वारा इस बात को जान पाना संभव है की शुक्र की स्थिति हमारी कुंडली में अच्छे है या फिर परेशानी का कारण बन रही है. वैदिक ज्योतिष में शुक्र का असर सुखों की अनुभूति देने वाला होता है. वैवाहिक और यौन जीवन का सुख मिलना इसके शुभ होने का संकेत होता है, जीवनसाथी के साथ संबंध और उनकी उपस्थिति, व्यवहार, महिलाओं के साथ संबंध, बेटियों, भोजन और पेय पदार्थों का स्वाद, आराम, जीवन शैली, ग्लैमर जैसी चीजों पर शुक्र का ही प्रभाव सबसे अधिक दिखाई देता है.
शुक्र का ज्योतिष प्रभाव
शुक्र प्रत्येक राशि में लगभग एक माह तक रहता है. एक राशि चक्र को पूरा करने में लगभग एक वर्ष लगाता है. शुक्र अपने गति में वक्री एवं मार्गी भी होता है. अस्त एवं उदय भी होता है इसी प्रकार कई तरह से वह अपनी स्थिति में बदलाव को दिखाता है. सामान्य तौर पर, शुक्र और वृष के लिए यह अत्यंत शुभ होता है क्योंकि यह इसकी राशियां होती हैं. इसके अलावा मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशियों पर भी इसका असर अनुकूल परिणाम देने वाला माना गया है. इसके अलग अन्य राशियों में इसकी स्थिति कुछ कमजोर असर दिखाने वाली हो सकती है.
कुंडली में शुक्र ग्रह के शुभ और अशुभ
कुंडली में यदि शुक्र शुभ हो तो उसके असर का प्रभाव आपएक जीवन को पूर्ण रुप से बदल सकता है. जीवन में व्यक्ति सुखों को पाने में सक्षम होता है. शुक्र के शुभ फलों की स्थिति तब प्राप्त होती है जब कुंडली में शुक्र एक अच्छी स्थिति में होता है. शुक्र का स्वराशिगत होकर शुभ भाव स्थानों में होना. शुभ ग्रहों के द्वारा इस पर दृष्टि या प्रभाव हो, वर्ग कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ हो तब शुक्र से मिलने वाले कारक तत्वों बेहतरीन रुप से जीवन में शुभता का संचार करने वाले होते हैं.
शुक्र के कारक तत्वों में मुख्य बात विलासितापूर्ण जीवनशैली का होना है. जब शुक्र शुभ हो तो व्यक्ति को ऎसा जीवन आसानी से प्राप्त होता है. वह धनवान लोगों की श्रेणी में होता है. उसके पास हर प्रकार की वैभवशाली चीजें होती हैं और उन्हें भोगने की उसकी प्रवृत्ति भी अत्यंत शुभ होती है. टेलीविजन सितारे, कलाकार, मॉडल, फैशन डिजाइनर, बुद्धिजीवी जो अपने भाषण या लेखन से समाज को प्रभावित करते हैं, करिश्माई राजनेता, शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से ही होते हैं. इन लोगों एवं इनसे जुड़े लोगों की कुंडली शुक्र की स्थिति ही इस जगह इन्हें ले जाती है.
शुक्र भी ज्ञान को देने वाल ग्रह है, इसका असर व्यक्ति को ऎसी चीजों में रुझान देता है जो बदलाव और नवीनता को अपनाने के लिए आगे रखे. व्यक्ति का दिमाग तेज़ होता है और वे सामान्य से अधिक तेज़ सोच सकते हैं. परिपक्व निर्णय, सहजता का गुण इनमें शुक्र की शुभता के द्वारा ही प्राप्त होता है.
स्वाद की यदि अनुभूति देखें तो यह शुक्र के शुभ होने पर ही मिल सकती है. एक शुभ शुक्र का असर व्यक्ति को सबसे अच्छे स्वाद की प्राप्ति कराने वाला होता है. व्यक्ति खान पान का शौकिन होगा और उसमें भी उसे सबसे अच्छी चीजों की ही प्राप्ति होती है. जीवन में हर चीज़ का स्वाद चखने वाला होता है लेकिन किसी भी चीज़ की लत उसे प्रभावित नहीं करती है. शुक्र अगर पीड़ित होगा तब ही वह व्यक्ति को लत से प्रभावित करने वाला होता है. अन्यथा शुक्र शुक्र अनुभव देगा लेकिन उनके पीछे भागने की ललक से बचाता है.
शुक्र की शुभता का असर व्यक्ति को अपने अनुसार जीने की क्षमता प्रदान करता है. कुछ लोग अपने कार्य में स्वयं को लेकर ही जवाबदेही करना पसंद करते हैं.चीजों को खोजने को लेकर उत्साह होता है, प्राचीन आभूषण, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों को एकत्र करना पसंद करते हैं. उन्हें छोटी-छोटी बातों की परवाह नहीं होती जैसे शादियों में शामिल होना, दोस्तों और रिश्तेदारों को उनके जन्मदिन पर बधाई देना, सालगिरह याद करना आदि.
चीजों उनके लिए बहुत अधिक महत्व न रखें. दूसरों के अनुसार ढल पाना मुश्किल होता है. अपनी छाप हर ओर छोड़ते चले जाते हैं. जीवनसाथी और बच्चे उन्हें न तो समझ सकते हैं और न ही नियंत्रित कर सकते हैं. वह खुद के मालिक होते हैं तथा अपनी शर्तों पर जीवन जीना पसंद करते हैं.
कुछ ही ग्लैमरस बाबा या गुरु बनेंगे जिनके पास कोई आध्यात्मिक शक्ति नहीं है लेकिन वे अपने भाषणों से लाखों लोगों को आश्वस्त कर सकते हैं. जब तक वे विवाहेतर संबंधों में नहीं पड़ेंगे, उनकी जीवनशैली और व्यावसायिक सफलता अच्छी रहेगी. इनमें नैतिक मूल्यों, ईमानदारी आदि की कमी हो सकती है, फिर भी स्थिति आने पर वे नैतिकता के लिए आदर्श भी सिद्ध होते हैं.
कुंडली में शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव
कुंडली में अशुभ शुक्र की स्थिति तब निर्मित होती है जब वह कुंडली में कमजोर होता है. इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं. शुक्र कुंडली में नीच स्थिति में होने पर खराब फल दे सकता है. शुक्र का पाप ग्रहों के साथ युति या दृष्टि संयोग, शुक्र का खरब भाव स्थानों पर बैठना एवं वर्ग कुंडली में शुक्र की खराब स्थिति ही शुक्र के अशुभ फलों को प्रदान करने वाली होती है.
शुक्र जब कुंडली में खराब होता है तो इसके घातक प्रभाव जीवन पर पड़ सकते हैं. इसके द्वारा व्यक्ति अपने जीवन में सुखों की कमी सबसे अधिक परेशान करने वाली हो सकती है.
शुक्र के कुंडली में यदि कन्या राशि में होता है तो इसके कारण शुक्र के नीच फल व्यक्ति को प्राप्त होते हैं शुक्र का राहु केतु जैसे पाप ग्रहों के साथ होना अपराध जगत और गंभीर रोगों का असर देने वाला हो सकता है.
व्यक्ति को अपने जीवन में चाहे आरामदायक वस्तुएं प्राप्त हों लेकिन उनका उपभोग करना उसके लिए मुश्किल होता है. वह अपने आस पास की चीजों को पाने में असमर्थ हो सकता है. किसी बड़े घटनाक्रम में वह अचानक सारी से पैतृक संपत्ति खो सकता है. दीवालिया होने जैसी घटना शुक्र के अशुभ फल का कारण बनती है.
शुक्र का कमजोर होना व्यक्ति को रचनात्मक क्षेत्र में अच्छी सफलता नहीं दिलवा पाता है. व्यक्ति खेल, साहित्य या किसी रचनात्मक क्षेत्र में कौशल हासिल कर लेता है लेकिन यह लंबे समय तक उपयोगी नहीं होता है. संघर्ष की स्थिति जीवन में बनी रहती है.
व्यक्ति नौकरी में तो अच्छा कर पाता है लेकिन जब बात आती है बिजनेस कि तो उस स्थिति में वह कामयाबी के लिए तरस सकता है. व्यक्ति को दूसरों का सहयोग नहीं मिल पाता है.
शुक्र का कमजोर होना व्यक्ति के भावनात्मक पक्ष को भी कई बार कमजोर कर देने वाला होता है. आलस्य, अनुशासन की कमी, व्यसनों की ओर झुकाव व्यक्ति में बना रहता है. अशुभ शुक्र व्यक्ति को गंभीर लत के परिणामों से प्रभावित कर सकता है. किसी चीज को शौक किया होगा लेकिन उसे छोड़ पाना उसके लिए संभव नहीं हो पाता है.
शुक्र का अशुभ होना व्यक्ति को यौन संक्रमण जैसे रोगों से जल्द प्रभावित करता है. कैंसर, शुगर, संक्रमण से होने वाले रोग, एडस जैसी बीमारी भी शुक्र के अशुभ होने के कारण हो सकती है.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            