अनुराधा नक्षत्र फल

अनुराधा नक्षत्र

27 नक्षत्रों की श्रृंखला में अनुराधा 17 वां नक्षत्र है. अनुराधा नक्षत्र में तीन तारे होते हैं जो छतरी के समान आकृति दर्शाते हैं. कुछ अन्य विचारकों के अनुसर यह चार तारों का समूह होता है जो कमल और छतरी के आकार का दिखाई पड़ता है. वैदिक ऋषियों अनुसार यह तपस्वी का दंड होता है. अनुराधा नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता मित्र हैं जो बारह आदित्यों में से एक हैं. अनुराधा अर्थ से तात्पर्य राधा का अनुगमन करने वाले , राधा के बाद या राधा के पिछे रहने वाले से लिया है.

अनुराधा नक्षत्र शनि और मंगल से प्रभावित होता है. जिसके चलते इसमें तमोगुण भी होते हैं. मंगल और शनि की ऊर्जा प्राप्त होती है जिसके चलते जातक कुछ नया और अलग कर पाने में भी सक्षम होता है. मई माह में आने वाले वैशाख मास के उत्तरार्ध को अनुराधा का चंद्रमास माना जाता है. इस नक्षत्र का संबंध द्वादशी तिथि से होता है.

अनुराधा नक्षत्र - शारीरिक गठन और व्यक्तित्व विशेषताएँ

अनुराधा नक्षत्र का जातक सुंदर और आकर्षक व्यक्ति का स्वामी होता है. उसका चेहरा सुन्दर और आंखें चमक से युक्त होती हैं. इनके चहरे पर मासूमियत भी नज़र आती है. उन्हें सुंदर शरीर संरचना प्राप्त होती है जो उनके व्यक्तित्व के प्रभुत्व को बढा़ने में सहायक होती है. इस नक्षत्र में जन्मी स्त्रियां आकर्षण का अच्छा भाव रखती हैं.

अनुराधा नक्षत्र के जातक दयावान और ईश्वर के प्रति आस्था रखने वाला होता है. जातक आदर्शवादी और सुंदर बालों से युक्त होते हैं. जातक समाज में सम्मान पाता है. इस नक्षत्र में जन्मा जातक विदेश में रह कर अथवा जन्म स्थान से दूर रह कर अच्छे लाभ को प्राप्त कर पाते हैं. जातक संबंधों को लेकर सजग होते हैं. सम्मान और प्रसिद्धि को बहुत अच्छे से संभालना भी जानते हैं. यह रचनात्मक होते हैं और शत्रुओं को हराना जानते हैं. अनुराधा नक्षत्र का जातक बहुत आकर्षक और उदार व्यक्तित्व का होता है. यह भीड़ में भी अलग दिखाई पड़ते हैं. इनका नैसर्गिक व्यक्तित्व ऐसा होता है की लोग इनसे आकर्षित हुए बिना नहीं रह पाता है.

अनुराधा नक्षत्र जातक में छिपकर गलत काम करने की प्रवृत्ति भी होती है. जातक प्राय: गुप्त रुप से दुर्व्यसनों के शिकार हो सकते हैं. पर यह खुले तौर पर इन बातों को नहीं मानते हैं. एक स्थान पर टिक कर नहीं रह पाते हैं. बदलाव के चक्कर में जीवन में उतार-चढ़ाव बने ही रहते हैं. अपनी योग्यता वह अच्छा धनार्जन भी कर पाते हैं.

इस नक्षत्र में जन्मा जातक प्राय: कम उम्र से ही घर से दूर रहने चले जाते हैं, भ्रमणशीलता अस्थाई भाग्य व तेजस्विता मिलकर इनका व्यक्तिव निखार पाता है. बहुत जल्दी से मित्र बना लेते हैं अपने कार्यस्थल पर यह अच्छा प्रभाव रखते हैं. अपना काम निकालने में भी होशियार होते हैं इनमें कोई न कोई कलात्मक गुण अवश्य देखा जा सकता है.

अनुराधा नक्षत्र - पारिवारिक जीवन

इनका पारिवारिक जीवन में अपने भाई बंधुओं से अधिक मदद नहीं मिल पाती है. अपनी जिम्मेदारियों में उलझे रहते हैं. पिता की ओर से भी इन्हें अधिक लाभ प्राप्त नहीं होता है. कई मामलों में पिता अथवा पिता समक्ष व्यक्ति के साथ मनमुटाव भी अधिक रहता है. जातक शांत ही होता है. परिवार में सभी के प्रति प्रेम और एकता की भावना रखने वाला होता है. परंतु परिवार से दूर रहकर ही बसता है. जीवन साथी का सुख और संतान के प्रति भी प्रेम की प्राप्ती होती है. परिवार से दूर जाकर जीवन व्यतीत करता है. परिवार के प्रति सभी कुछ न्योछावर करने वाला होता है. जातक धार्मिक जीवन को मानता है. आदर्शों से जीवन यापन करने की इच्छा रखता है. बच्चों के पालन पोषण की ज़िम्मेदारी अच्छे से निभाने का प्रयास करता है.

अनुराधा नक्षत्र - स्वास्थ्य

यह भचक्र का सत्रहवाँ नक्षत्र है और शनि इसका स्वामी है. वक्षस्थल , उदर आमाशय, गर्भाश्य इत्यादि को अनुराधा नक्षत्र के अंग माना जाता है. कुछ विद्वानों ने इसे पित्त प्रधान नक्षत्र माना है. ब्लैडर, मलाशय, गुप्तांग, गुप्तांगों के पास की हड्डियाँ, नाक की हड्डियाँ आदि सभी इस नक्षत्र के अंदर आते हैं. इस नक्षत्र के पीड़ित होने पर इन अंगों से संबंधित समस्याओं से होकर गुजरना पड़ता है.

अनुराधा नक्षत्र जातक का व्यवसाय

अनुराधा नक्षत्र में जन्मा जातक इस समय आप सम्मोहन के कार्य अच्छे कर सकते हैं, अभियंता इंजीनियर, खनन उत्पादों, सर्जन, चमड़े के उत्पादों के व्यापारियों, दंत चिकित्सकों से जुड़े काम और अधिकारियों के रूप में पानी और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के रूप में काम करने के लिए उपयुक्त रहते हैं. वनस्पति तेल निर्माता या डीलर, गुप्त विज्ञान के अभिनय या व्यवसायी के काम आप बेहतर रुप में कर सकते हैं. अनुराधा नक्षत्र के जातक अंक विज्ञान, सांख्यिकी और गुप्त विज्ञान में रूचि रखते हैं. कला संगीत से जुड़े विषयों में भी ये अच्छा कर सकते हैं.

अनुराधा नक्षत्र का प्रथम चरण

लग्न या चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र के प्रथम चरण में आता हो तो ऐसा जातक गोरे रंग का सुंदर, विशाल छाती और बाजुओं वाला होता है. घने बालों से युक्त होता है. नेत्रों में ताम्र वर्ण जैसी चमक होती . किसी का भी अभिमान मिटाने में योग्य मानमर्दन करने वाला होता है. घमंड का भाव भी व्यक्ति में बहुत होता है. साहस से भरा हुआ होता है.

अनुराधा नक्षत्र का दूसरा चरण

लग्न या चंद्रमा, अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण में आता हो तो बुद्धिमान और साफ बोलने वाला होता है. साफ गोरे रंग का और सुंदर होठों वाला होता है. ज्यादा दिखावा नहीं करता है. जातक के कंधे मजबूत होते हैं और भुजाओं में भी बल होता है. धनार्जन करने में बहुत मेहनत करता है.

अनुराधा नक्षत्र का तीसरा चरण

लग्न या चंद्रमा, अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण में आता हो तो जातक कर रंग सांवल हो सकता है. विद्रोह करने वाला और परस्त्री के प्रति आसक्त रहने वाला हो सकता है. काले बाल और लम्बी कद काठी वाला और भारी कंधों वाला होता है. आंखों की पुतलियां काले रंग की होती हैं रंगमंच का प्रेमी होता है.

अनुराधा नक्षत्र का चौथा चरण

लग्न या चंद्रमा, अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण में आता हो तो जातक गंभीर प्रकृति का और कठिन कार्यों को करने में सक्षम होता है. ताम्र वर्ण से नेत्र चपटी सी नाक और कोमल उदर वाला होता है. शरीर में ढीलापन होगा लेकिन मजबूत मांसपेशियों वाला हो सकता है. यशस्वी होता है.

अनुराधा नक्षत्र के नामाक्षर

अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण या द्वितीय पाद में जो 03:20 से 06:40 तक होता है. इसका अक्षर “ना” होता है.

अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण या तृतीय पाद में जो 06:40 से 10:00 तक होता है. इसका अक्षर “नी” होता है.

अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण या चतुर्थ पाद में जो 10:00 से 13:20 तक होता है. इसका अक्षर “नू” होता है.

अनुराधा नक्षत्र के प्रथम चरण या प्रथम पाद में जो 13:20 से 16:40 तक होता है. इसका अक्षर “ने” होता है.

अनुराधा नक्षत्र वेद मंत्र

ॐ नमो मित्रस्यवरुणस्य चक्षसे महो देवाय तदृत

गवं सपर्यत दूरंदृशे देव जाताय केतवे दिवस्पुत्राय सूर्योयश

गवं सत । ॐ मित्राय नम: ।

उपाय

अनुराधा नक्षत्र के बुरे प्रभावों से बचने के लिए जातक को बारह आदित्यों का पूजन करना चाहिए. आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का श्रवण एवं मनन करने से शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. सूर्य के नामों का स्मरण भी लाभदायक होता है. भगवान शिव और विष्णु की पूजा अराधना करने से पापत्व का नाश होता है. जातक के लिए लाल, नीले, सुनहरी रंगों का उपयोग शुभदायक होता है. मोती ओर मूंगा को भी धारण करने से लाभ मिलता है.

अनुराधा नक्षत्र अन्य तथ्य

नक्षत्र - अनुराधा

राशि - वृश्चिक

वश्य - कीट

योनी - मृग

महावैर - श्वान

राशि स्वामी - मंगल

गण - देव

नाडी़ - मध्य

तत्व - जल

स्वभाव(संज्ञा) - मृदु

नक्षत्र देवता - मित्र

पंचशला वेध - भरणी


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