Articles in Category Hindu Rituals

भाद्रपद माह में मनाई जाती है वामन एकादशी जानें पूजा और महत्व 2024

वामन एकादशी : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को वामन एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत भगवान के वामन रुप के साथ राजा बली के

श्रावण अधिकमास अमावस्या : विशेष योग राशि उपाय

सावन माह में आने वाले अधिकमास के दौरान मनाई जाने वाली अमावस्या को श्रावण अधिकमास अमावस्या के नाम से जाना जाता है. श्रावण अधिक मास का होना सावन समय की अधिकता को बताता है. इस समय पर श्रावण माह में दो

अधिकमास दुर्गाष्टमी, दुर्गा पूजन का विशेष समय

हिंदू वैदिक कैलेंडर के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है. लेकिन अधिक मास के समय आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी सभी से खास होती है. अधिकमास में

अधिकमास की पद्मिनी एकादशी व्रत देता है विशेष फल

अधिक मास के दौरान आने वाली एकादशी पदमनी एकादशी के रुप में जानी जाती है. इस एकादशी का समय को सभी प्रकार के शुभ लाभ प्रदान करने वाली एकादशी माना गया है. इस एकदशी के विषय में एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने

गुरु प्रदोष व्रत : सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति प्रदान करता है गुरु प्रदोष व्रत

बृहस्पतिवार के दिन आने वाला प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष व्रत के रुप में जाना जाता है. प्रत्येक माह आने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा का समय होता है. प्रदोष व्रत का फल जीवन को समस्त प्रकार के दोषों

अशून्य शयन व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व 2024

शास्त्रों के अनुसार, चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु शयन करते हैं और इस अशून्य शयन व्रत के माध्यम से शयन उत्सव मनाया जाता है. यह व्रत भगवान शिव के पूजन का भी समय होता है, इस कारण से इस समय पर भगवान

व्यास पूर्णिमा 2024 : वेदों के निर्माता वेद व्यास के जन्मोत्सव के रुप में मनाई जाती है व्यास पूर्णिमा

व्यास पूर्णिमा का समय वेद व्यास जयंती के रुप में हर साल अषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. भारतीय संस्कृति में वेदों का बेहद विशेष स्थान और इन्हीं के रचियता के रुप में वेद व्यास जी को जाना

तेलुगु हनुमान जयंती 2024: क्यों मनाते हैं इस हनुमान दीक्षा को

भगवान हनुमान के जन्म से संबंधित कई कथाएं प्रचलित रही हैं. धर्म ग्रंथों में हनुमान जन्मोत्सव के विषय में कई उल्लेख प्राप्त होते हैं.  हनुमान जी के जन्म दिवस और तिथि का एक साथ मिलना एक विशेष संयोग

भालचंद्र गणेश चतुर्थी व्रत : जानें क्यों कहलाते हैं श्री गणेश भालचंद

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टि चतुर्थी के रुप में मनाया जाता है. भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाले, कला और विज्ञान के संरक्षक के रुप में स्थान प्राप्त है. बुद्धि और ज्ञान

शनि-त्रयोदशी 2024 : जानें शनि त्रयोदशी व्रत विधि और कथा

शनि त्रयोदशी का पर्व पंचाग अनुसार त्रयोदशी तिथि के दिन शनिवार के दिन पड़ने पर मनाया जाता है. शनि त्रयोदशी का समय भगवान शिव और शनि देव के पूजन का विशेष संयोग होता है. इस समय पर भगवान शिव के साथ शनि

नरसिंह द्वादशी 2024 : भगवान का पूजन करने से पूर्ण होंगे सभी मनोरथ

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को नरसिंह द्वादशी के रुप में पूजा जाता है. भगवान श्री विष्णु के दो स्वरुप इस दिन विशेष रुप से पूजे जाते हैं. इस दिन भगवान को नृसिंह रुप में और  गोंविद रुप

बुध प्रदोष क्या है और इसका महत्व क्यों है इतना खास

बुध प्रदोषम से मिलता है ज्ञान एवं बुद्धि का आशीर्वाद प्रदोष तिथि में रखा जाने वाला व्रत भगवान शिव से संबंधित रहा है. प्रदोष का समय शिव पूजन के लिए अति शुभ एवं विशेष होता है. बुधवार के दिन प्रदोष व्रत

वृश्चिक संक्रांति : जाने इसके महत्व और पूजन विधि के बारे में विस्तार पूर्वक

ज्योतिष में सूर्य का महत्व सर्वोपरी रहा है. प्राचीन भारतीय ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण दिन चंद्रमा की गति पर आधारित होते हैं, संक्रांति सूर्य की गति का प्रतीक है. प्रत्येक संक्रांति उस संक्रमण काल को

शुक्र प्रदोष व्रत जिससे दूर होते हैं शुक्र ग्रह के दोष

भुगुवारा प्रदोष किसी भी माह के त्रयोदशी तिथि के दिन यदि शुक्रवार पड़ रहा हो तो वह दिन शुक्र प्रदोष व्रत के रुप में जाना जाता है. प्रदोष व्रत विशेष रुप से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का समय होता

भरणी श्राद्ध का महत्व और पितृ पक्ष

शास्त्रों के अनुसार मनुष्य के लिए तीन ऋण हैं, पहला देवताओं का ऋण है, दूसरा ऋषि है और तीसरा पिता का ऋण है. पितृ ऋण को पितृ पक्ष श्राद्ध समय या पिंडदान करके पितरों के ऋण से मुक्ति प्राप्त की जा सकती

ललिता सप्तमी, का पूजा समय विधि एवं महत्व

ललिता सप्तमी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर देवी ललिता सप्तमी मनाई जाती है. देवी ललिता जी को भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधा जी के साथ संबंधित किया जाता है. भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी

हरतालिका तीज : भाद्रपद माह कि तृतीया का पर्व देता है सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद

तीज पर्व के रुप में मनाई जाने वाली हरतालिका तीज का समय भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आता है. इस दिन को हरतालिका व्रत के रुप में मनाया जाता है. यह व्रत विवाहिता एवं कुंवारी कन्याओं सभी के लिए

गणेश चतुर्थी : श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए सभी राशियों के लिए विशेष मंत्र

गणेश पूजन में सभी राशियों के द्वारा दिए गए मंत्रों का उल्लेख, पुराणों में मिलता है. गणेश स्तुती हेतु यदि राशि अनुसार मंत्र जाप भी किया जाए तो ये प्रभाव व्यक्ति को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद देने

हरियाली तीज कथा, पूजा विधि और राशि अनुसार करें पूजन

हरियाली तृतीया हरियाली तीज अपने नाम अनुसार ही सावन के सबसे सुंदर परिदृष्य के रुप में दिखाई देती है. हरियाली तीज का त्यौहार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है. यह त्यौहार सौभाग्य

चातुर्मास : क्यों रुक जाते हैं मांगलिक कार्य ?

चातुर्मास में रुक जाते हैं मांगलिक कार्य और पूजा पाठ को करना क्यों होता है शुभ  हिन्दू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि  चातुर्मास का आरंभ होता है. इस