12 माह आजीविका ज्योतिष से | Next 12 Months Career According to Astrology | Profession According to Vedic Astrology
एक वितीय वर्ष में आजीविका क्षेत्र में आने वाले उतार-चढावों को ज्योतिष के माध्यम से समझने के लिये हमें योग, दशा ओर गोचर की अंगूली पकड कर चलना पडेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी योग केवल अपनी महादशा- अन्तर्दशा और गोचर से संबन्ध बनने पर ही फल देते है. यहीं कारण है, कि कई बार व्यक्ति की कुण्डली में बडे-बडे राजयोग स्थिति होते है, परन्तु व्यक्ति का जीवन कष्ट और संघर्ष से भरा होता है.
जब भी योग, दशा और गोचर संबन्ध बनाते है, व्यक्ति की जन्म कुण्डली के योग फल देने के लिये प्रभावी होते है. इससे संबन्धित आने वाले वर्ष में व्यक्ति आजीविका क्षेत्र में सफलता की उंचाईयां चढेगा, या उसे नौकरी या व्यवसाय में परिवर्तन की स्थिति से गुजरना पडेगा. आईये ग्रह एक वर्ष में व्यक्ति की आजीविका को किस प्रकार प्रभावित कर सकते है. इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास करते है. वार्षिक राशिफल भी एक वर्ष की आजीविका की स्थिति स्पष्ट करता है.
आजीविका से संबन्ध बना रहे ग्रहों की महादशा |The Mahadasha of Planets Related to Profession (Career)
किसी व्यक्ति की आयु अगर आय प्राप्ति की हों, और वर्तमान में जिन ग्रहों कि महादशा चल रही हों, वह आजीविका क्षेत्र से संबन्ध बनाने वाले ग्रहों की हों तो आने वाली वर्ष अवधि ग्रहों की स्थिति के अनुसार व्यक्ति को फल देती है.
महादशा में आजीविका कार्य प्रारम्भ करन वाले व्यक्ति जल्दी जल्दी अपने कार्यक्षेत्रों में बदलाव नहीं करते है. इसके विपरीत आजिविका क्षेत्र में चर राशि हों और दशमेश भी पीडित हो, साथ ही गोचर और दशा भी सहयोग नहीं कर रहे हों, तब व्यक्ति चाहे ना चाहे उसकी आजीविका में बदलाव होते रहते है.
कुण्डली के एकादश भाव और द्वितीय भाव की महादशा व्यक्ति के लिये आजिविका क्षेत्र के कार्यो में सहयोग करती है. जबकि 6/ 8/ 12 त्रिक भावों की महादशा व्यक्ति कार्यो में बाधाएं, और सम्मान हानि के साथ साथ व्यर्थ की भाग-दौड भी देती है.
आजीविका से संबन्ध बना रहे ग्रहों की अन्तर्दशा | The Antardasha of Planets Related to Profession
जिन व्यक्तियों की कुण्डली में अन्तर्दशा चल रहीं, उन व्यक्तियों को कई बार एक से अधिक ग्रहों के प्रभाव से गुजरना पड सकता है. ऎसे में व्यक्ति के आजिविका क्षेत्र में उतार-चढाव आने की अधिक संभावना बनती है. बली ग्रहों की अन्तर्दशा व्यक्ति को आगे लेकर जाती है, तो निर्बल ग्रहों की दशा अवधि में व्यक्ति को बाधाओं का सामना करना पडता है.
अन्तर्दशा की अवधि छोटी होने के कारण इसके प्रभाव अल्पकालीन होते है. जब व्यक्ति को त्रिकोण भावों की अन्तर्दशा प्राप्त होती है. तो व्यक्ति की नौकरी में बदलाव के साथ-साथ आय और पद में भी वृ्द्धि होती है. त्रिक भावों की दशा व्यक्ति को सदैव मानसिक परेशानियां देती है. (jordan-anwar) इस स्थिति में व्यक्ति को दबाव में कार्य करने की स्थिति से गुजरना पड सकता है.
आजीविका से संबन्ध बना रहे ग्रहों की गोचर |The Transit of Planets Related to Profession (Career)
दशम भाव में स्थित ग्रह बली होकर कुण्डली के दशम भाव या चन्द से एकादश भाव पर गोचर कर रहे हों, तो व्यक्ति को आजीविका क्षेत्रों में सहयोग प्राप्त होता है. गुरु को धन का कारक कहा गया है, इसलिये गुरु जब भी व्यक्ति के एकादश भाव अर्थात आय भाव पर गोचर करते है, तो व्यक्ति को निश्चित ही आय की प्राप्ति होती है. अपनी जन्म राशि जानने के लिये इस link का प्रयोग किया जा सकता है. MoonSign
गोचर ग्रहों के सामान्य फल के अनुसार सभी ग्रह जन्म राशि से एकादश भाव में शुभ फल देते है. और इस स्थिति में व्यक्ति को आय क्षेत्रों में सहयोग की प्राप्ति होती है. परन्तु जिस व्यक्ति की कुण्डली में दशमेश गोचर में द्वादश भाव या तृ्तीय भाव पर गोचर कर रहे हों, उन व्यक्तियों को नौकरी में बदलाव की स्थिति का सामना करना पड सकता है. गोचर के ग्रहों के अन्य प्रभाव को इस link से जाना जा सकता है. Transits
आजीविका क्षेत्र में व्यक्ति का स्थानान्तरण हो सकता है. या फिर वह स्वयं ही अन्य नौकरी की तलाश कर सकता है. अगर किसी व्यक्ति की कुण्डली में नौकरी में परिवर्तन का गोचर चल रहा हो, और उस समय में दशा भी अष्टम भाव से संबन्धित हो, तो व्यक्ति को नौकरी बदलनी पड सकती है. गोचर में जब कोई भी वक्री ग्रह आजीविका क्षेत्र पर गोचर करता है, तो आजिविका क्षेत्र में अत्यधिक उतार-चढाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
इसके अतिरिक्त दशमेश का पंचम भाव पर गोचर व्यक्ति की नौकरी में निश्चित रुप से बदलाव लेकर आता है. नौकरी या जीवन की घटनाओं को मन्द गति से चलने वाले ग्रह विशेष रुप से प्रभावित करते है. मन्द गति ग्रहों में गुरु, शनि और मंगल को लिया जा सकता है.